नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar) की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कोरोना (Coronavirus) संकट के कारण पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने घर में ही रहकर अंबेडकर जयंती मनाने का आह्वान किया।
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उपेक्षित वर्ग के लोग अपने हाथ में लें सत्ता की चाबी मायावती ने देश में दलित और वंचित समुदायों को दुर्दशा से मुक्ति नहीं मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना पीड़ितों में भी 90 फीसदी उपेक्षित वर्ग के लोग हैं। बसपा प्रमुख (BSP Chief) ने दलित और उपेक्षित वर्ग के लोगों से सत्ता की चाबी अपने हाथों लेने के डॉ अंबेडकर के आह्वान की याद दिलाते हुए कहा, 'राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में लेने की बाबा साहब की बात की तरफ अभी तक इन वर्गो का ध्यान नहीं जा रहा है। यह चिंता की भी बात है।'
BSP will support if Central govt extends #CoronavirusLockdown with some conditions while keeping in view public interests. But the govt must keep in mind the interests of the poor, labourers, farmers & other working class & provide aid to them during lockdown: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/9OrjKbtWKz — ANI UP (@ANINewsUP) April 14, 2020
BSP will support if Central govt extends #CoronavirusLockdown with some conditions while keeping in view public interests. But the govt must keep in mind the interests of the poor, labourers, farmers & other working class & provide aid to them during lockdown: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/9OrjKbtWKz
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लॉकडाउन में सबसे ज्यादा पिस रहे दलित और गरीब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उपेक्षित वर्गों द्वारा डॉ अंबेडकर की इस बात को याद नहीं रखने के कारण ही इन वर्गों की हमेशा यही 'दुर्दशा' बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन (Lockdown) के बाद भी इसी वजह से उपेक्षित वर्गों की दुःखद दुर्दशा देखने को मिली है। मायावती ने कहा, 'इस महामारी के चलते पूरे देश में खासकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित गरीब लोगों की काफी दुर्दशा देखने को मिली है। इससे यह बात फिर स्पष्ट हो जाती है कि इन वर्गों के प्रति केन्द्र और राज्य सरकारों की अभी तक हीन और जातिवादी मानसिकता बदली नहीं है।'
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उपेक्षित वर्गों के लोग कोरोना से कम, भूख से ज्यादा मरेंगे मायावती ने कोरोना संकट के दौरान गरीबों को राशन नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए कहा, 'कोरोना पीड़ितों में लगभग 90 प्रतिशत लोग उपेक्षित वर्ग के हैं और इनकी शिकायत है कि इन लोगों के पास कोई राशन कार्ड आदि नहीं है, इस कारण उन्हें राशन भी नहीं मिल पा रहा है।' उन्होंने सरकार से इस समस्या का शीघ्र समाधान निकालने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उपेक्षित वर्गों के ये लोग कोरोना से कम, भूख से ज्यादा मरेंगे।
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