Wednesday, Sep 27, 2023
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amir chand was rich in qualities but a fakir in himself: dattatreya hosbale

गुणों के अमीर लेकिन स्वयं में फकीर थे अमीर चंद : दत्तात्रेय

  • Updated on 10/22/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अमीर चंद जी गुणों के अमीर लेकिन स्वयं में फकीर थे। उन्होंने कला और संस्कृति को अपनी सांस बनाया और अंतिम सांस तक उसी कला संस्कृति को प्रचार प्रसार के लिए जुटे रहे। पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को प्रशिक्षित किया और उसी पूर्वोत्तर में सदा के लिए उन्होंने आलिंगन कर लिया। यह बात संस्कार भारती द्वारा अंबेडकर इंटरनेशन सेंटर में शुक्रवार को संंस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीर चंद की स्मृति सभा में श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कही। उन्होंने कहा कि 56 वर्ष की आयु में अमीर चंद भारत और भारतीय कला और संस्कृति के साथ एक हो गए थे।

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उनका पूरा व्यक्तित्व कला व संस्कृति को समर्पित था : सोनल मानसिंह
स्मृति सभा में राज्यसभा सांसद सोनल मानसिंह ने कहा कि उनका पूरा व्यक्तित्व कला व साहित्य के प्रति समर्पित था। उनकी आंखें हमेशा हंसती रहती थीं और हर चित्र में आज भी हंसती हैं। वो बहुत बड़े विजन के आदमी थे। उनके साथ अंत तक रहने वाले कार्यकर्ता सुशांत ने कहा कि उन्होंने कला संस्कृति के संवर्धन के लिए अपना जीवन दे दिया। तवांग में अमीर चंद जी की आखिरी सभा का आयोजन करने वाले अरुणाचल प्रदेश के कार्यकर्ता ने उनके अंतिम समय की पूरी कहानी बताई। इस अवसर पर डायरेक्टर डॉ. चंद्रप्रकाश द्विेदी ने कहा कि 3 अक्तूबर को उनसे दिल्ली में मुलाकात हुई थी। 23 को हमारा इंदौर के लिए निकलना था। लेकिन वो हमें छोडक़र चले गए। ये हमारे लिए अपूर्णीय क्षति है।

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धीरे-धीरे गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ी वाले...गाकर मालिनी अवस्थी ने दी श्रद्धांजलि
लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि अमीर चंद जी ने जो काम किया है उससे उनका आंकलन वर्षों वर्ष होता रहेगा। वे सबके साथ जुड़े हुए थे। संघ परिवार के वो सच्चे सिपाही थे। उन्हें तकनीकी का अच्छा ज्ञान था। मालिनी ने अंत में कबीर की एक पंक्ति धीरे-धीरे गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ी वाले गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनकी इस पंक्ति ने स्मृति सभा में बहुतों की आंखों से आंसू बहा दिए। स्मृति सभा में संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष वासुदेव कामथ समेत साहित्य, राजनीति, कला व संस्कृति के सैकड़ों गणमान्यों ने पहुंचकर अमीर चंद जी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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