Monday, Dec 04, 2023
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मणिपुर के चुराचांदपुर में एक द्वार पर ‘न्याय' लिखा हुआ पुतला लटका मिला 

  • Updated on 10/3/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। मणिपुर के चुराचांदपुर में ‘एंग्लो-कुकी युद्ध' की याद में बनाए गए एक द्वार पर एक पुतला लटका हुआ मिला है, जिसपर ‘न्याय' लिखा है। यह पुतला कथित तौर पर राज्य सरकार द्वारा कुकी समुदाय के साथ किये जा रहे गलत सलूक और आदिवासी युवकों को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में लटकाया गया है।

आदिवासी बहुल चुराचांदपुर जिले में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ पोस्टर लगाए जाने के बाद यह पुतला लगाया गया है। चुराचांदपुर के जॉइंट स्टूडेंट बॉडी (जेएसबी) के सदस्यों ने 1917 से 1919 के बीच लड़े गए 'एंग्लो-कुकी युद्ध' की शताब्दी के अवसर पर बनाए गए द्वार के शीर्ष भाग से यह पुतला लटकाया है, जिसके गले में फंदा लगा हुआ है।

टेडिम रोड पर लेइसांग गांव के निकट बनाए गए द्वार के पास खड़े एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमने उन आदिवासियों की पीड़ा को दर्शाने के लिए यह किया है, जिन्हें मार दिया गया, बलात्कार किया गया और नग्न घुमाया गया और जिनके घरों को आग लगा दी गई।” मुख्यमंत्री की तस्वीर वाले और उन्हें "मानवता के खिलाफ अपराध" के आरोपी के रूप में दिखाने वाले पोस्टर भी जिले में लगाए गए हैं।

केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई और एनआईए ने दो युवाओं की हत्या और एक अन्य मामले में पिछले कुछ दिन में जिले से सात लोगों को गिरफ्तार किया है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी।

हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की जनसंख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। 

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