Saturday, Dec 09, 2023
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annual shri amarnath yatra concludes with stick worship in holy cave musrnt

पवित्र गुफा में छड़ी पूजन के साथ वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा संपन्न

  • Updated on 8/23/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा पर श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी रक्षाबंधन के दिन छड़ी पूजन के बाद श्री अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 2021 संपन्न हुई। दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में भगवान शिव की पवित्र छड़ी हैलीकॉप्टर से अमरनाथ गुफा तक पहुंचाई गई।

बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा में पूजा-अर्चना के बाद महंत दीपेंद्र गिरि और उनके साथ आए साधु-संत रात्रि को छड़ी मुबारक पहलगाम में विश्राम करेंगे। इसके उपरांत सोमवार को पहलगाम स्थित लिद्दर नदी में छड़ी विसर्जन पूजा के साथ छड़ी मुबारक का समापन होगा। 

हर साल होता है यात्रा का आयोजन

बता दें कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से अप्रैल महीने में पवित्र गुफा की यात्रा को रद्द करने की बात सामने आई थी। इसको लेकर वकायदा प्रेस रिलीज भी जारी किया गया था, लेकिन थोड़ी देर बाद जम्मू-कश्मीर सूचना निदेशालय ने यात्रा रद्द करने का आदेश ही वापस ले लिया था। बता दें कि अमरनाथ हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है हर साल जून के महीने में अमरनाथ साइन बोर्ड अमरनाथ यात्रा आयोजित करता है।

2000 में हुई थी अमरनाथ श्राइन बोर्ड की शुरुआत

हर साल अमरनाथ यात्रा के लिए अप्रैल के पहले हफ्ते में ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की शुरुआत 2000 में हुई थी। जिसका चेयरमैन जम्मू कश्मीर के राज्यपाल या उपराज्यपाल होते हैं।

क्या है 'छड़ी मुबारक'

वस्तुत: छड़ी मुबारक की रस्म चांदी की एक छड़ी से जुड़ी है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस छड़ी में भगवान शिव की अलौकिक शक्तियां निहित हैं। जन कथाओं के अनुसार महर्षि कश्यप ने यह छड़ी भगवान शिव को इस आदेश के साथ सौंपी थी कि इसे प्रति वर्ष अमरनाथ लाया जाए।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अमरनाथ यात्रा की अवधि छड़ी मुबारक से जुड़ी है। अर्थात व्यास पूर्णिमा से श्रावण पूर्णिमा यानि रक्षा बंधन तक। विभिन्न पड़ावों पर ठहराव के बाद अंतत: रक्षाबंधन वाले दिन 'छड़ी मुबारक' अमरनाथ गुफा पहुंचती है। वहां 'छड़ी मुबारक' की पूजा-अर्चना के साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो जाती है।  इसके साथ ही यह भी बता दें कि छड़ी मुबारक को अमरनाथ यात्रा पर ले जाने का दायित्व दशनामी अखाड़ा श्रीनगर के महंत के ऊपर होता है।

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