नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय सेना (Indian Army) में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट (SC) से मंजूरी मिल गई है। ऐसे में आर्मी चीफ जनरल एमएम नरावने (General MM Naravane) ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।
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उन्होंने कहा, भारतीय सेना धर्म, जाति, पंथ या लिंग के आधार पर किसी भी सैनिक के साथ भेदभाव नहीं करती है। हमारी सेना का नजरिया हमेशा से इसी तरह का रहा है और इसीलिए हमने 1993 की शुरुआत में महिला अधिकारियों को शामिल करना शुरू कर दिया था।
Chief of the Army Staff, General MM Naravane: Indian Army does not discriminate any soldier based on religion,caste, creed, or even gender. The outlook of the Indian Army has been throughout like this&that is why we started inducting Women Officers as early as in 1993. (File pic) pic.twitter.com/jCBmp8YbWM — ANI (@ANI) February 20, 2020
Chief of the Army Staff, General MM Naravane: Indian Army does not discriminate any soldier based on religion,caste, creed, or even gender. The outlook of the Indian Army has been throughout like this&that is why we started inducting Women Officers as early as in 1993. (File pic) pic.twitter.com/jCBmp8YbWM
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100 महिला सैन्यर्किमयों के पहले बैच को दिया जा रहा है प्रशिक्षण उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने हर स्तर पर महिलाओं की भर्ती के लिए पहल की है और सैन्य पुलिस केंद्र तथा स्कूल कोर में 100 महिला सैन्यर्किमयों के पहले बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सेना प्रमुख ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत का निर्णय स्वागतयोग्य है जो संस्था की बेहतर क्षमता के लिए अधिकारियों की भर्ती की दिशा में स्पष्टता प्रदान करता है। मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों समेत सभी को राष्ट्र के प्रति योगदान के साथ ही कॅरियर में तरक्की के लिए भी समान अवसर प्रदान किये जाएंगे।
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आतंकवाद की घटनाओं में आई कमी- जनरल नरावने जनरल नरावने ने बताया कि महिला अधिकारियों को पत्र भेजकर पूछा जा रहा है कि क्या वे स्थाई कमीशन को तरजीह देना चाहेंगी। जम्मू कश्मीर के संदर्भ में सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और सेना आतंकी समूहों पर दबाव बनाकर रख रही है। उन्होंने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के चल रहे पूर्ण सत्र के परोक्ष संदर्भ में कहा कि सीमापार आतंकवाद में कमी के मामले में एक बाहरी आयाम है।
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पाकिस्तान को अपनी रणनीति पर पुर्निवचार करना पड़ सकता है उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को रणनीति पर पुर्निवचार करना पड़ सकता है और यहां तक कि चीन ने भी माना है कि वे अपने मित्र देश का हर समय समर्थन नहीं कर सकते। वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ के एक उप-समूह ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए आर्थिक मदद नहीं रोक पाने पर 'ग्रे सूची' में ही रखना चाहिए।
सुरक्षा बल किसी भी स्थिति के लिए तैयार कट्टरपंथी हुॢरयत नेता सैयद अली शाह गिलानी की सेहत के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने केवल इतना कहा कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। जम्मू कश्मीर के लिए विशेष रूप से थियेटर कमान के प्रस्तावित गठन के सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ भी तय करने से पहले विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।
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