Wednesday, Dec 06, 2023
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arrest warrant against former punjab finance minister bjp leader manpreet badal corruption case

भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

  • Updated on 9/26/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पंजाब में बठिंडा की एक अदालत ने संपत्ति की खरीद में कथित अनियमितताओं के मामले में पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ मंगलवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने बठिंडा में संपत्ति खरीद में अनियमितताओं के आरोप में बादल और पांच अन्य के खिलाफ आरोप दर्ज किया है। मामले में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह गिरफ्तारी वारंट बठिंडा में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जारी किया गया। सोमवार को इस मामले में मनप्रीत बादल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया था। पंजाब सतर्कता ब्यूरो की टीम ने बादल के मुक्तसर स्थित आवास पर छापा मारा था जिसके बाद बादल को पकड़ने के लिए सोमवार को उनके खिलाफ ‘‘लुकआउट सर्कुलर'' जारी किया गया। बादल जनवरी में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। बादल के वकील सुखदीप सिंह ने कहा कि बठिंडा की अदालत से अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली गई है और मामले में नयी जमानत याचिका दायर की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सतर्कता ब्यूरो ने अदालत को बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। वकील ने कहा कि जब अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई थी, तब तक बादल के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। बादल के अलावा बठिंडा विकास प्राधिकरण (बीडीए) के पूर्व मुख्य प्रशासक बिक्रमजीत शेरगिल, राजीव कुमार, अमनदीप सिंह, विकास अरोड़ा और पंकज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राजीव कुमार, अमनदीप सिंह और विकास अरोड़ा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला की 2021 की शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी, जिसमें बठिंडा में एक प्रमुख स्थान पर संपत्ति की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया गया था। पूर्व में शिरोमणि अकाली दल में रहे भाजपा नेता सिंगला ने आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री के रूप में बादल ने दो वाणिज्यिक भूखंडों को अपने नाम पर आवासीय भूखंड में बदलने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था। इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 468 (जालसाजी) सहित संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सतर्कता ब्यूरो के अनुसार जांच के दौरान यह पाया गया कि बादल ने मॉडल टाउन चरण-1 बठिंडा में 1,560 वर्ग गज के दो भूखंड खरीदने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे राज्य के खजाने को लाखों रुपये की वित्तीय हानि हुई। जांच में पता चला कि बादल ने कथित तौर पर अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और वर्ष 2021 में भूखंडों की बोली के दौरान आम जनता को गुमराह किया। सतर्कता ब्यूरो ने कहा कि बोली प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को रोकने के लिए नकली नक्शे अपलोड किए गए थे। 

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