नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) ने खुलकर समर्थन कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से किसानों से बिना शर्त बातचीत करने की अपील की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'केंद्र सरकार किसानों से तुरंत बिना शर्त बात करे।'
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बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों ने आज फैसला किया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे और दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे। हजारों किसानों ने लगातार चौथे दिन रविवार को सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। किसानों ने बुरा़ड़ी स्थल को खुली जेल करार देते हुए बिना शर्त वार्ता का समर्थन किया है।
केंद्र सरकार किसानों से तुरंत बिना शर्त बात करे। — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 29, 2020
केंद्र सरकार किसानों से तुरंत बिना शर्त बात करे।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान चले जाएं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसानों को इस मैदान की पेशकश की गई है। शाह ने यह भी कहा था कि निरंकारी मैदान में चले जाने के बाद केंद्र सरकार उनसे वार्ता करने को तैयार है। भारतीय किसान संघ (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने फोन पर बताया, 'हमने फैसला किया है कि हम दिल्ली की सीमाओं पर जमे रहेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे।'
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उन्होंने कहा कि कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह फैसला किया है। बीकेयू (कादियान) के प्रमुख हरमीत सिंह कादियान ने भी कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कादियान ने सिंघू बॉर्डर के नजदीक पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए कोई शर्त नहीं थोपनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम कोई पूर्व शर्त नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि बिना किसी शर्त के बैठक हो। हम बातचीत के लिए राकाी हैं।’’ किसान नेता ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान जल्द ही प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं।
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गौरतलब है कि ऑल-इंडिया किसान संघर्ष को-ओर्डिनेशन कमेटी, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के अलग-अलग धड़ों ने दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था। किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनको आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और उन्हें बड़े उद्योगपतियों के च्च्रहमच्च् पर छोड़ दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों के कई संगठनों को दूसरे चरण की बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर को दिल्ली में आमंत्रित किया है।
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