Thursday, Jun 08, 2023
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केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष एकता को लेकर पवार से मिले केजरीवाल

  • Updated on 5/25/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एक साथ आ जाएं, तो दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश पर लाए जाने वाले विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सकता है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मिलने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

पवार ने अध्यादेश के खिलाफ ‘आप' की लड़ाई में केजरीवाल को समर्थन का आश्वासन दिया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शिवसेना (यूटीबी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस मामले में केजरीवाल को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ बैठक के लिए समय मांगेंगे। केजरीवाल ने कहा, “अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट हो जाएं तो केंद्र सरकार के अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सकता है।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “अध्यादेश ने देश के संघीय ढांचे को प्रभावित किया है। अध्यादेश के जरिए चुनी हुई सरकारों को काम नहीं करने देना देश के लिए अच्छा नहीं है।” संवाददाता सम्मेलन में मौजूद पवार ने कहा कि निर्वाचित सरकारों के शासन करने के अधिकार की रक्षा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी गैर-भाजपा दलों को इस मामले में ‘आप' का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया, “केजरीवाल को सभी गैर-भाजपा दलों से मिलकर उन्हें मनाना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी को राजी करें - चाहे वह कांग्रेस हो या बीजू जनता दल (बीजद)।” पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता का विषय बताया। उन्होंने समय आने पर एक स्थिर और प्रगतिशील सरकार प्रदान करने के लिए सभी गैर-भाजपा दलों के बीच संवाद की आवश्यकता पर बल दिया।

केजरीवाल ने पवार को देश के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक बताया और केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ ‘आप' की लड़ाई का समर्थन करने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर लोग भाजपा के अलावा किसी की सरकार बनाते हैं, तो भाजपा (उस सरकार को गिराने के लिए) तीन तरीकों का सहारा लेती है - सत्तारूढ़ पक्ष के विधायक खरीदना, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का डर दिखाना या यह सुनिश्चित करने के लिए एक अध्यादेश जारी करना कि निर्वाचित सरकार काम न कर पाए।”

‘आप' के नेता ने कहा, "केंद्र के अध्यादेश को पारित होने से रोकना राजनीति का मामला नहीं है, बल्कि देश का मामला है और देश से प्रेम करने वाले सभी दलों को एक साथ आना चाहिए।" पवार ने कहा, "मैं 56 साल से सांसद हूं। यह दिल्ली या आप का नहीं बल्कि संसदीय लोकतंत्र को बचाने का मामला है।" पवार ने नए संसद परिसर के उद्घाटन से संबंधित समारोह का बहिष्कार करने से संबंधित विपक्षी दलों के फैसले के बारे में कहा, "जब देश में पहले से ही एक संसद भवन मौजूद है, तो नए की कोई आवश्यकता है या नहीं, यह बहस का विषय है। जब हमें अवसर मिलेगा, तो हम संसद में अपनी बात रखेंगे।" 

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