नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसान आंदोलन के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) को इन कानूनों को तत्काल वापस लेकर अन्नदाता के साथ दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए।
"...We, Chief Ministers of all the four Congress-ruled states asked for time to meet President to convey the concerns of farmers but there must have been some compulsions that he could not give us time," tweets Rajasthan CM Ashok Gehlot #FarmLaws pic.twitter.com/OjFSg90iLC — ANI (@ANI) December 4, 2020
"...We, Chief Ministers of all the four Congress-ruled states asked for time to meet President to convey the concerns of farmers but there must have been some compulsions that he could not give us time," tweets Rajasthan CM Ashok Gehlot #FarmLaws pic.twitter.com/OjFSg90iLC
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अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बोला हमला सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किए गए दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिए।' मुख्यमंत्री के अनुसार, 'केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, किसान सगंठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि विधेयक बनाए, और इन विधेयकों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया जबकि विपक्ष इन्हें प्रवर समिति को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।'
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों,किसान सगंठनों,कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि बिल बनाये। इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया। जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था। 1/ — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों,किसान सगंठनों,कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किये तीनों कृषि बिल बनाये। इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किये बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया। जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था। 1/
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राष्ट्रपति से नहीं दिया गया मिलने उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने इन विधेयकों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नए किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नये किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिये पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। 2/ — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020
केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नये किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिये पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। 2/
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कांग्रेस नेता ने कहा कि फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका।
फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका। 3/ — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020
फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका। 3/
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केंद्र सरकार को मांगनी चाहिए माफी गहलोत ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।'
किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता। 4/ — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020
किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता। 4/
कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए और अन्नदाता के साथ किए दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिए।
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एमएसपी पर कानून चाहते हैं किसान किसान एमएसपी पर कानून चाहते हैं। उन्होंने फिर जोर दिया कि नए कानूनों पर किसानों को पूरी कानूनी सुरक्षा दी गई है। तोमर ने किसानों की जायज चिंता बताते हुए कहा कि एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया, बल्कि और मजबूत करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विवाद की स्थिति में सिविल कोर्ट जाने की किसानों की मांग पर भी सरकार विचार करेगी। उन्होंने कहा कि अब अगले दौर की बैठक 5 दिसम्बर को 2 बजे से होगी, जिसमें बाकी मसलों पर चर्चा होगी।
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बैठक के बाद किसानों की नारेबाजी वहीं, बैठक के बाद नारेबाजी करते हुए सभा स्थल से बाहर आए किसान नेताओं ने कहा कि वार्ता में गतिरोध बना हुआ है। भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार सिर्फ संशोधन की बात कर रही है, जबकि हमारी मांग है कि पहले तीनों कानून वापस लिए जाएं। उन्होंने कहा कि अभी कई बिंदुओं पर बात होनी बाकी है, जिस पर शनिवार को फिर से दोनों पक्ष बैठेंगे। इसके पहले बैठक की शुरूआत में किसानों ने सरकार की मंशा अनुसार तीनों कानूनों पर अपनी आपत्तियां, सुझाव और मांगें लिखित में दी।
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