Sunday, Mar 26, 2023
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मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों को चलाने के लिए एक समान कानून के लिए SC में याचिका

  • Updated on 9/10/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भाजपा नेता व एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर देश के सभी धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए एक समान कानून बनाने की गुजारिश की है। याचिका में दलील दी गई है कि जब हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध समुदाय को धार्मिक स्थलों के रखरखाव और प्रबंधन का वैसा ही हक मिलना चाहिए जैसा मुस्लिम, पारसी और इसाई को हासिल है।

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याचिका में यह भी कहा गया है कि हिंदुओं, सिख, जैन और बौद्ध के धार्मिक संस्थानों और स्थलों के रखरखाव और प्रबंधन राज्य सरकारों के हाथों में है और इसके लिए जो कानून है, उसे रद्द किया जाए क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों के विपरीत है।

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अश्विनी उपाध्याय ने अपनी इस याचिका में केंद्र की मोदी सरकार के गृहमंत्रालय, विधि मंत्रालय और देश भर के सभी राज्यों को प्रतिवादी बनाया है। इसमें दलील दी गई है कि मौजूदा कानून में राज्य सरकारें हिंदुओं, सिख, बौद्ध और जैन के धार्मिक स्थलों को नियंत्रित करते है। अंग्रेजी हकूमत ने 1863 में कानून बनाकर हिदुओं के मंदिर, मठ, सिख, जैन और बौद्ध के धार्मिक स्थलों के नियंत्रण को सरकार को सौंप दिया था।

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मौजूदा कानून में यह भी प्रावधान है कि राज्य सरकारें तमाम मंदिर, गुरुद्वारों का कंट्रोल करें, लेकिन मुस्लिम, पारसी और इसाई के धार्मिक स्थल का नियंत्रण सरकार के हाथ में नहीं है। याचिका में कहा गया है कि सरकारी कंट्रोल की वजह से मंदिर, गुरुद्वारों की हालत खराब हो रही है। 

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