नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बराक घाटी, मोरीगांव और धुबरी में प्रदर्शनों के बीच असम में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चौथे दिन सोमवार को भी जारी रही और इस संबंध में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 2,441 हो गई है। पुलिस के एक बयान के अनुसार ये गिरफ्तारियां समूचे राज्य में दर्ज 4,074 प्राथमिकियों के आधार पर की गई हैं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘अब तक 2,441 गिरफ्तार हुए। असम में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम जारी है।'
उन्होंने इससे पहले कहा था कि राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव तक मुहिम जारी रहेगी। इस मुहिम पर विपक्षी खेमे ने विरोध जताया और प्रभावित परिवार के लोगों ने विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन किए। बराक घाटी, मोरीगांव, धुबरी और नगांव जिलों के विभिन्न स्थानों पर प्रभावित परिवारों ने प्रदर्शन किया। धुबरी में एक प्रदर्शनकारी रेशमा खातून ने कहा, ‘‘पुलिस हमारे घर के पुरूषों को ले गई है। हमें कोई देखने वाला नहीं है और हमें यूं ही बेसहारा छोड़ दिया गया है।'
बयान में कहा गया है कि कम से कम 139 लोगों को विश्वनाथ जिले में पकड़ा गया। इसके बाद बारपेटा में 130 और धुबरी में 126 लोगों को पकड़ा गया। बयान के अनुसार अन्य जिले जहां 100 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं वे हैं बक्सा, बोंगईगांव एवं होजई। बस में 123 लोगों को, बोंगईगांव में 117 लोगों को और होजई में भी 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच कामरूप जिले में रंगिया में बाल विवाह के मामले में सात लोगों को जमानत मिल गई है।
एक वकील ने बताया कि सबडिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), रंगिया की अदालत ने आरोपियों को जमानत दी। उन्होंने कहा, ‘‘दिन ढलने तक यहां और लोगों को जमानत मिलने की संभावना है।'' शर्मा ने इससे पहले कहा था कि जो लोग बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं वे जमानत पाने के योग्य हैं लेकिन पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) कानून के तहत जिन्हें गिरफ्तार किया गया है उन्हें गैर जमानती आरोपों का सामना करना होगा।
ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुहिम के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि असम सरकार अगर वाकई में बाल विवाह की समस्या को खत्म करना चाहती है तो उसे साक्षरता का स्तर बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर आप बाल विवाह को खत्म करना चाहते हैं तो आपको बहुत सारे स्कूल खोलने होंगे, (लेकिन) आपने ऐसा नहीं किया। आपने उन मदरसों को बंद करा दिया है जो किसी न किसी रूप में शिक्षा प्रदान कर रहे थे।''
ओवैसी ने जानना चाहा कि घर के पुरूषों की गिरफ्तारी के बाद, अधर में लटकी महिलाओं की ऐसी परिस्थिति के लिए कौन जिम्मेदार होगा। कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि ऐसे मुद्दों से निपटने में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बाल विवाह का विरोध करते हैं। लेकिन बसे बसाए परिवार जिनके बच्चे बड़े हो रहे हैं, उन्हें तोड़ने का क्या फायदा होगा? यह प्रचार के हथकंडे से ज्यादा कुछ नहीं है।'' एआईयूडीएफ ने शनिवार को दावा किया था कि असम सरकार ने बाल विवाह पर कार्रवाई ‘‘बिना आवश्यक नियम बनाए'' की।
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