नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। असम (Assam) में भोजन का अभिन्न अंग ‘लाल चावल’ अब अमरीकियों की थाली का भी हिस्सा बनेगा। दरअसल भारत की चावल निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ‘लाल चावल’ की पहली खेप को अमरीका (America) के लिए रवाना किया गया। लाल चावल का निर्यात प्रमुख राइस एक्सपोर्टर एल.टी. फूड्स की ओर से किया जा रहा ह। सरकार का कहना है कि इन ‘लाल चावल’ के निर्यात में वृद्धि होने के साथ ही इससे ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी इलाकों के किसान परिवारों की आय में इजाफा होगा।
ए.पी.ई.डी.ए. के अंतर्गत राइस एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम की स्थापना वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार लाल चावल की इस खेप को एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथु ने हरियाणा के सोनीपत से अमरीका के लिए रवाना किया। बता दें एपीडा अलग-अलग स्टैकहोल्डर्स के साथ मिलकर चावल के निर्यात को बढ़ावा देता है। मालूम हो सरकार ने ए.पी.ई.डी.ए. के अंतर्गत राइस एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम की स्थापना की थी। आर.ई.पी.एफ. चावल उद्योग, निर्यातकों, ए.पी.ई.डी.ए., वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के निदेशकों का प्रतिनिधित्व करता है।
कोविड महामारी में भी हुआ निर्यात भारत से चावल का निर्यात कोरोना महामारी के दौर में भी बढ़ा है। वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि जब दुनियाभर में कोविड-19 महामारी ने कई वस्तुओं की सप्लाई को रोक दिया था, उस समय भी भारत से चावल के निर्यात में तेजी आई। एपीडा के अध्यक्ष अंगमुथु का कहना है, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी के समय में भी सैद्धांतिक एवं स्वास्थ्य चुनौतियों के चलते सुरक्षा तथा स्वच्छता सुनिश्चित करने के संदर्भ में अनेक उपाय किए और इस दौरान भी चावल का निर्यात जारी रहा।
गैर-बासमती चावल का निर्यात 125 प्रतिशत बढ़ा! वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में अप्रैल से जनवरी की अवधि के दौरान गैर-बासमती चावल के शिपमैंट में अच्छा खास इजाफा देखा गया। अप्रैल-जनवरी 2021 के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात 26,058 करोड़ रुपए (3506 मिलियन डॉलर) का रहा, जबकि अप्रैल-जनवरी 2020 के दौरान यह 11,543 करोड़ रुपए (1627 मिलियन डॉलर) का था। गैर-बासमती के निर्यात में रुपया टर्म में 125 प्रतिशत और डॉलर टर्म में 115 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
डीजल के दामों का असर ट्रक भाड़े पर बता दें कि देश में फरवरी में बढ़े डीजल के दामों का असर ढुलाई में लगे ट्रक भाड़े पर पड़ा है। इंडियन फाऊंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के मुताबिक फरवरी माह में ट्रक भाड़े में करीब 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसका असर सभी वस्तुओं की कीमतों पर पड़ा है। फल और सब्जियों के दाम में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।फरवरी महीने के दौरान डीजल के दाम में करीब 4.10 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। इसके चलते ट्रांसपोर्टर ने भाड़े में इजाफा किया है।
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