Saturday, Mar 25, 2023
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हिंदुत्व को तोड़- मरोड़ को पेश किए जाने के प्रयासों को रोकना होगाः RSS

  • Updated on 3/15/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भारत के इतिहास एवं हिन्दुत्व को तोड़-मरोड़ कर पेश किये जाने के प्रयास वर्षों से जारी रहने का मंगलवार को दावा किया और संकल्प लिया कि वह राष्ट्र के नवोत्थान की राह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने एवं देश की प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए तेजी से कदम उठाएगा। आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के समापन के अवसर पर यह निष्कर्ष सामने आया।

संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संवाददाताओं को बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन सहित आगामी कार्य दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब भारत वैश्विक नेतृत्व के पथ पर निरंतर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है, तब नागरिकों को यह समझने की आवश्यकता है कि इस पथ पर कांटे कौन बिछाना चाहता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत समस्त समाज राष्ट्र के नवोत्थान की राह में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए कार्य करता रहेगा।'

होसबाले ने कहा, ‘देश के अमृतकाल में विमर्श बदलने चाहिए, भारत के प्रश्नों पर भारत के ही उत्तर होने चाहिए। विकृत इतिहास के स्थान पर सही इतिहास बताया जाना चाहिए।' संघ के सरकार्यवाह ने कहा कि भारत तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है और सामरिक एवं कूटनीतिक मोर्चों में उसकी बढ़ती महत्ता से सभी परिचित हैं, ऐसे में भारतीय समाज को एकजुट होकर सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि देश और विदेश में ऐसी अनेक शक्तियां हैं जो भारत को इस रास्ते पर आगे बढ़ने से रोकना चाहती हैं, ‘‘किंतु ‘स्व' के बोध के साथ हमें मिलकर इन शक्तियों को असफल बनाना है।'

होसबाले ने बताया कि विजयादशमी 2025 से संघ का शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है, किंतु इस प्रतिनिधि सभा में इसके लिए कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कार्य विस्तार एवं उसकी गुणवत्ता बढ़ाने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि शाखा के स्वयंसेवक जगह- जगह ग्राम- बस्तियों की परिस्थिति का अध्ययन कर वहां की समस्याओं के समाधान की दिशा में समाज को जोड़कर प्रयास करेंगे।

होसबाले ने बताया कि संघ सामाजिक परिवर्तन के पांच आयाम पर अपने कार्य को अधिक केन्द्रित करेगा जिनमें सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्य सम्मिलित हैं। सरकार्यवाह ने स्पष्ट किया कि समाज में विभेद के विरुद्ध विमर्श खड़ा करना तथा समरसता के लिए निरंतर प्रयास करना इस कार्ययोजना का लक्ष्य है। एक प्रश्न के उत्तर में होसबाले ने कहा कि छुआछूत समाज के लिए पाप और कलंक है तथा संघ इसे मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि संघ जनसंख्या असंतुलन के प्रति चिंतित है, जिसका जिक्र समय-समय पर उच्चतम न्यायालय, पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषन और महात्मा गांधी भी कर चुके हैं। होसबाले ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि संघ का हिन्दू राष्ट्र का विचार ‘सांस्कृतिक राष्ट्र का विचार' है। उन्होंने कहा, ‘‘सांस्कृतिक राष्ट्र के रूप में देखने पर इस विषय में कोई भ्रम नहीं रहता क्योंकि भारत इस रूप में हिन्दू राष्ट्र ही है।'

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यह वार्षिक बैठक हरियाणा के पानीपत जिले की समालखा तहसील के पट्टीकल्याणा गांव में स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केन्द्र के परिसर में गत रविवार को शुरु हुई थी। तीन दिन चली बैठक में देश के विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों ने विचार मंथन में भाग लिया। बैठक के पहले दिन संघ का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन के अनुसार संघ की शाखाओं की संख्या 62 हजार से बढ़कर 68 हजार तक पहुंच गई है।

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