नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का ऐतिहासिक फैसला आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में विवादित जमीन का मालिकाना हक राम जन्मभूमि न्यास को दिया है। फैसले के बाद अब राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण की तैयारी हो रही है। अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण बिना सिमेंट और लोहा की डिजाइन की गई है।
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अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना ऐतिहासिक निर्णय सुना दिया। फैसले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2.77 एकड़ की विवादित जमीन रामलला न्यास को देने का ऐलान किया है। जबकि कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही कहीं मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया है। प्रस्तावित राम मंदिर बिना सिमेंट और लोहा की निर्माण होने वाली है। मंदिर का नक्शा उत्तर भारत की नागर शैली पर बनाया गया है।
दरअसल, 1989 में ही राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए डिजाइन तैयार कर ली गई थी। राम मंदिर (Ram Mandir) का डिजाइन तैयार करने वाले शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा (Chandrakant Sompura) ने बताया कि यह मंदिर प्रसिद नागर शैली के आधार पर बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस शैली से मंदिर निर्माण का कार्य 2022 तक पूरा हो सकता है।
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क्या है नागर शैली नागर शैली उत्तर भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है। वास्तुशास्त्र के अनुसार नागर शैली के मंदिरों की पहचान आधार से लेकर सर्वोच्च अंश तक इसका चतुष्कोण होना है। इस प्रकार के मंदिर के सबसे ऊपर शिखर होता है, जिसे रेखा शिखर भी कहते हैं। मंदिर में दो भवन गर्भगृह और मंडप भी होते हैं। गर्भगृह ऊंचा और मंडप छोटा होता है। गर्भगृह के ऊपर एक घंटाघर बनी होती है जिससे मंदिर की ऊंचाई बढ़ जाती है।
नक्शे के अनुसार राम मंदिर (Ram Mandir) बनाने में लगभग 2 लाख 63 हजार घनफीट पत्थर का उपयोग किया जाएगा। जिसमें से अब तक 1 लाख 60 घनफीट पत्थर इतने साल में बन कर तैयार हो चुके हैं। मंदिर का डिजाइन बनाने वाले चंद्रकांत सोमपुरा (Chandrakant Sompura) ने बताया कि मंदिर दो मंजिला रहेगा, जिसमें पहला रामलला का मंदिर और पहली मंजिल पर राम दरबार का निर्माण होगा। जहां पर राम, लक्ष्मण और सीता के सात हनुमान जी की मूर्ति लगेगी।
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इसके अलावा राम मंदिर (Ram Mandir) के साथ-साथ चार और मंदिर भी रहेंगे जिनमें भरत, सीता, हनुमान और गणेशजी की मूर्ति लगाई जाएंगी। मुख्य मंदिर के पिलर पर अलग-अलग भगवान की झांकियां तैयार की जाएंगी।
नागर शैली से निर्माण कराए गए मुख्य मंदिर नागर शैली से निर्माण कराए गए मुख्य मंदिरों में खुजराहो का कंदरिया महादेव मंदिर, भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर, पुरी का जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर राजस्थान का दिलवाड़ा मंदिर और गुजरात का सोमनाथ मंदिर इसी शैली के उपयोग से बनाए गए हैं।
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