नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया।सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव नामांकन करने के लिए सपा विधायकों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित नामांकन कक्ष में पहुंचे। नामांकन दाखिल करने के बाद यादव ने पत्रकारों से कहा कि उनकी लड़ाई किसी प्रत्याशी से नहीं है, बल्कि उनकी लड़ाई देश और प्रदेश में लोगों को बरगलाने वाले और झूठ बोलने वालों से है। उन्होने कहा कि‘‘आजमगढ़ में चाहे किसी की भी हवा चली हो, लेकिन लोगों ने हमेशा समाजवादियों को ताकत दी है और इस इतिहास को लोग इस बार भी कायम रखेगें।‘‘ सपा प्रत्याशी ने यह भी कहा कि नेताजी (सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव) ने एक बार कहा था कि‘‘अगर इटावा दिल है तो आजमगढ़ दिल की धड़कन है।‘‘
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भाजपा द्वारा परिवारवाद के सवाल पर धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा तो बहुत बात कहती है, लेकिन पहले वह अपनी पार्टी के परिवारवाद को देखे। यादव ने कहा, 'जनेश्वर मिश्र (दिवंगत पूर्व समाजवादी नेता) ने कहा था कि‘’यह संघर्ष का परिवारवाद है , हम सत्ता का परिवारवाद लेकर नहीं आये है।' उन्होंने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए। यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आते ही महंगाई घट जाती है और चुनाव समाप्त होते ही महंगाई बढ़ जाती है। उन्होने कहा कि इस चुनाव में भी आजमगढ़ के लोग फिरका परस्त ताकतों को उखाड़ फेंकने का काम करेगें। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव बदायूं लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 में चुनाव जीते थे, लेकिन वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संघमित्रा मौर्या से चुनाव हार गये। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मैनपुरी जिले के करहल क्षेत्र से विधानसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद आजमगढ़ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव हो रहा है।
भाजपा के प्रत्याशी ‘निरहुआ’ ने नामांकन पत्र दाखिल किया आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव‘निरहुआ’ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव से बाहर है। उन्होंने कहा कि पिछली बार (वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव) एक‘महागठबंधन’(सपा और बसपा का गठबंधन) था, लेकिन इस बार ऐसा कोई गठबंधन नहीं है और भाजपा की जीत सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ जाति के आधार पर नहीं, बल्कि विकास के नाम पर मतदान करेगा। यादव के मुताबिक इस बार समीकरण पूरी तरह से अलग हैं।
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भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि आजमगढ़ में लोग खुद को भाजपा से जोडऩा चाहते हैं। इस मौके पर उप्र भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि दिनेश लाल यादव को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता का आशीर्वाद मिला था और इस चुनाव में भी उन्हें जनता का आशीर्वाद मिलेगा। सिंह ने कहा कि आजमगढ़ के लोग चाहते हैं कि कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) खिले और दिनेश यादव को लोकसभा भेजें। उप्र भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मौजूदा उपचुनाव में मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच है।
आसिम राजा रामपुर लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने सोमवार को रामपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने करीबी सहयोगी आसिम राजा को सपा उम्मीदवार घोषित किया। आजम खान ने रामपुर में अपने पार्टी कार्यालय दार-उल-आवाम (आम लोगों का घर) में राजा के नाम की घोषणा की। सभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा, ‘‘आपने सोचा होगा कि मैं फिर से अपनी पत्नी को मैदान में उतारने जा रहा हूं, क्योंकि उन्होंने नामांकन पत्र भी खरीदा था। लेकिन मैंने अपने पुराने साथी को चुना है जिनके पास समृद्ध राजनीतिक अनुभव है और उनका नाम असीम राजा है।' आजम ने समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करने की अपील की। सभा के माहौल को भावनात्मक बनाते हुए खान ने दो साल और सात महीने की अपनी जेल यात्रा के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी, और अपनी जेल अवधि को‘एजेंडा’बताया।
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उन्होंने अंतरिम जमानत देने के लिए सर्वोच्च अदालत का शुक्रिया अदा किया। आसिम राजा समाजवादी पार्टी के गठन से पहले से ही पिछले 40 सालों से आजम खान के साथ जुड़े हुए हैं। 64 वर्षीय असीम राजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, Þमैंने आजम खान के साथ सभी आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया है, चाहे वह‘जेल भरो आंदोलन’हो या आजम खान साहब द्वारा किया गया कोई अन्य विरोध प्रदर्शन।‘‘ राजा ने कहा कि विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, प्रत्येक चुनाव में वह आजम खान के मुख्य चुनाव एजेंट रहे।
राजा ने वर्ष 1981 में रुहेलखंड विश्वविद्यालय से जुड़े रामपुर के रजा परास्नातक कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एमए किया है, तब से वे आजम खान के साथ हैं। राजा ने कहा कि वर्ष 2019 में सीएए के विरोध से संबंधित एक मामले में पुलिस द्वारा वांछित घोषित किए जाने के बाद दिसंबर 2021 में उन्होंने रामपुर की एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और उन्हें जेल भेज दिया गया था। बाद में रामपुर की अदालत द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया था। राजा पिछले आठ साल से समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष हैं। वर्ष 1989 में उन्होंने रामपुर नगर पालिका का निकाय चुनाव लड़ा था।
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