नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राजद्रोह कानून पर रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी। केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) के तहत देशद्रोह कानून में बदलाव पर विचार कर सकती है।
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बता दें कि शीर्ष अदालत देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया है। भारत के चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित के नेतृत्व वाली कोर्ट ने जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई के लिए देशद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामलों को निर्धारित किया है।
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गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए देशद्रोह के गुनाह को अपराध बनाती है। इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जब तक सरकार इसकी समीक्षा नहीं करती और जेल में बंद लोग जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके साथ ही तब तक विवादास्पद राजद्रोह कानून पर रोक भी रहेगी।
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