Tuesday, May 30, 2023
-->
Bar Council of India sent case of Prashant Bhushan to Delhi Bar Council rkdsnt

प्रशांत भूषण का मामला बार काउन्सिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली बार काउन्सिल को भेजा

  • Updated on 9/4/2020

 

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बार काउन्सिल आफ इंडिया ने अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषी ठहराने के बाद एक रूपए के जुर्माने की सांकेतित सजा पाने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) का मामला दिल्ली बार काउन्सिल के पास विवेचना करने और कानून सम्मत फैसला लेने के लिये भेजा है। 

कंगना के बचाव में उतरा राष्ट्रीय महिला आयोग, शिवसेना विधायक निशाने पर

राज्य की बार काउन्सिल ही एक व्यक्ति को वकालत करने का लाइसेंस प्रदान करती है और उसे अधिवक्ता कानून के तहत कतिपय परिस्थितियों में अपने सदस्य का वकालत करने का अधिकार निलंबित करने या इसे वापस लेने सहित व्यापक अधिकार प्राप्त हैं। बार काउन्सिल ऑफ इंडिया की आम परिषद की 3 सितंबर को संपन्न बैठक में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विचार किया गया। 

मालेगांव विस्फोट: आरोपी पुरोहित को बचाने को मुकुल रोहतगी ने दायर की याचिका

बीसीआई ने इस बैठक में दिल्ली बार काउन्सिल को, जहां प्रशांत भूषण अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हैं, निर्देश देने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि वह नियमों के मुताबिक इस मामले की विवेचना करें और यथाशीघ्र इस पर निर्णय ले। प्रशांत भूषण ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में अवमानना मामले में दंड के रूप में एक रूपया जमा कराया। 

सुशांत जांच मामला: हाई कोर्ट की हिदायत के बाद CBI ने भी मीडिया को किया अलर्ट

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट करने के कारण प्रशांत भूषण को 14 अगस्त को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था और 31 अगस्त को उन पर एक रूपए का सांकेतित जुर्माना किया था। न्यायालय ने कहा था कि जुर्माना अदा नहीं करने पर अवमाननाकर्ता को तीन महीने की कैद भुगतनी होगी और वह 3 साल तक वकालत करने से प्रतिबंधित रहेगा।

शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं ने कंगना रनौत के खिलाफ खोला मोर्चा, किया प्रदर्शन

 

 

कोरोना से जुड़ी बड़ी खबरों को यहां पढ़ें...

comments

.
.
.
.
.