नई दिल्ली। अनामिका सिंह। त्योहारों का सीजन प्रारंभ हो चुका है, जिसके चलते मिठाई की डिमांड भी काफी बढ़ती जा रही है। लेकिन इन मिठाईयों में मिलाया जाने वाला खोया असली है या नकली इसे लेकर सजगता बेहद अनिवार्य है। एक्सपर्ट का कहना है कि अधिक मुनाफा कमाने के लिए मार्केट में बड़ी मात्रा में नकली खोया बेचा जा रहा है। ऐसे में मिठाई को देख ललचाने की बजाय ये भी जान लेें कि इससे आपकी सेहत पर क्या असर पड़ सकता है। नकली खोया आपके शुगर लेवल को ही नहीं बढ़ाता बल्कि किडनी व लीवर को परेशान करने के लिए भी काफी है। कहीं महंगा ना पड़ जाए गिफ्ट पैक का खेल
नकली खोया बेचने वालों पर होती है कार्रवाई मोरी गेट पर खोये की थोक मंडी के व्यापारियों का कहना है कि कुछ लोग अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में त्योहारों के सीजन में गलत काम करते हैं लेकिन अधिकतर व्यापारी शुद्ध खोया ही बेचते हैं। अधिकतर मिठाईयों जैसे गुलाब जामुन में जहां घाप का प्रयोग किया जाता है, वहीं छेना खोया, पिंडी, चिकना खोया व बाटी खोया का इस्तेमाल बर्फी, कलाकंद, छेनामुरकी सहित विभिन्न प्रकार के हलवों में प्रयोग किया जाता है। मोरी गेट सबसे बड़ी खोया मंडी होने की वजह से यहां भीड़-भाड़ भी काफी रहती है और बड़ी संख्या में लोग खोया व मावा खरीदने आते हैं। कोरोना के चलते अन्य मंडियों की तरह ही मोरी गेट पर भी काम-धंधा पूरी तरह ठप पड़ा था लेकिन रक्षाबंधन के बाद अब खोया मंडी की स्थिति में सुधार आया है। व्यापारियों का कहना है कि मंडी में सरकारी अधिकारी हमेशा सैंपल उठाते रहते हैं और गलत काम करने वालों पर आईपीसी की धारा 272 व 273 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई भी होती है। बावजूद इसके कुछ लोगों की वजह से खोये में मिलावट की खबरें आने से खरीदारी में गिरावट आ जाती है। वैसे भी कुछ सालों से लोग मिठाईयों की बजाय गिफ्ट आइटम देना ज्यादा पसंद कर रहे हैं जिनमें शो पीस, चॉकलेट, बिस्किट, फ्रूट जूस इत्यादि होते हैं। फेस्टिव सीजन में भा रहे हैं सूखे मेवे, खारी बावली के ड्राईफ्रूट्स मार्केट में लौटी रौनक
कहां से आता है खोया खोये के व्यापारी प्रेमसिंह सिकरवार ने बताया कि मोरी गेट खोया मंडी में बागपत, शामली, बड़ौत, सोलना, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, पलवल सहित अगल-बगल के कई इलाकों से खोया बेचने के लिए आता है। खोया बनाने की भट्टियां दिल्ली के बाहर हैं। इन्हें गर्मियों में संभालकर रखना बेहद मुश्किल होता है इसलिए इनकी मांग कम हो जाती है लेकिन सर्दियों में त्योहारों के मौसम में खोये की सप्लाई और डिमांड बढ़ जाती है।
कैसे करेंगे नकली खोये की पहचान नकली खोया वजन में ज्यादा भारी होता है और उसे हाथ से रगडऩे पर तेल सा नहीं छूटता और ना हीं दाने बनते हैं। असली खोये का स्वाद हल्का मीठा होता है। साथ ही असली खोये से देशी घी की महक आती है। खोये में जैसे ही आप चीनी डालेंगे तो वो अगर पानी छोड़ता है तो समझें कि खोया नकली है। असली खोया पानी में आसानी से घ़ुल जाता है जबकि नकली नहीं घुलता।
मंडी में रोजाना चेक होती है खोये की क्वालिटी चेक दीवाली पर हर घर मिठाइयों को पहुंचाने के लिए दिल्ली-एनसीआर के हलवाई बड़ी मात्रा में खोया मोरी गेट की खोया मंडी से उठा रहे हैं। लेकिन बता दें कि मंडी में आने वाले खोये की पहले क्वालिटी को जांचा जाता है। जिसके बाद खोये की बोली लगाई जाती है और उसी दर पर पूरे दिन खोये का व्यापार होता है। किन्नरों का खास कब्रगाह...हिजड़ों का खानकाह
साल 2007 से पहले फतेहपुरी में थी खोया मंडी बता दें कि साल 2007 से पहले खोया मंडी फतेहपुरी में थी, जगह की कमी व किन्हीं अन्य कारणों की वजह से मंडी को मोरी गेट में शिफ्ट कर दिया गया। मोरी गेट से तड़के सुबह ही दिल्ली के हलवाई, होटल, रेस्टोरेंट्स वाले थोक में खोया ले जाते हैं। उसके बाद पूरे दिन रिटेल बिक्री में खोया बेचा जाता है।
क्या है खाद्य मानक व सुरक्षा प्राधिकरण के मुताबिक गुणवत्ता खाद्य मानक और सुरक्षा प्राधिकरण के अनुसार खोये की गुणवत्ता को जांचने का सबसे आसान तरीका है कि चम्मच खोये को गर्म पानी में मिला दें। इसके बाद कुछ बूंदे आयोडीन की डालने पर यदि खोया नीला हो जाता है तो वो पूरी नकली है। दरअसल नकली खोये में स्टार्च की मिलावट की जाती है।
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