नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान केरल में समाज के विभिन्न वर्गों से मिलेंगे, जिनमें युवा, किसान समूह, मछुआरे, गरीब और हाशिए के लोग शामिल हैं। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी प्रमुख और यात्रा के राज्य समन्वयक कोडिकुन्निल. सुरेश ने बृहस्पतिवार को बताया कि यात्रा केरल के सात जिलों में 19 दिनों में 450 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कांग्रेस सांसद ने कहा कि यात्रा 11 सितंबर को दक्षिणी राज्य में पहुंचेगी और हर दिन राहुल गांधी और करीब 300 समर्थकों का उनका दल दो पालियों में 25 किलोमीटर पैदल चलेगा। पहली पाली सुबह सात बजे से 10 बजे तक होगी और दूसरी शाम चार बजे से शाम सात बजे तक होगी।
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सुरेश ने बताया, च्च् बीच की अवधि का उपयोग प्रमुख व्यक्तियों, लेखकों और विद्वानों, युवाओं, किसान समूहों, मछुआरा समूहों के साथ-साथ समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े लोगों से मिलने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा, च्च् इन संवादों के जरिए लोगों की शिकायतों और सुझावों को सुना जाएगा और उन्हें केंद्र के साथ-साथ गैर-कांग्रेस शासित राज्यों की कथित विनाशकारी नीतियों से भी अवगत कराया जाएगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा के राष्ट्रीय स्तर के समन्वयक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के साथ पार्टी महासचिव जयराम रमेश 30 अगस्त को अभियान के सिलसिले में राज्य पहुंचेंगे और वे जो भी अतिरिक्त निर्देश देंगे, उन्हें व्यवस्थाओं में शामिल किया जाएगा।
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सुरेश ने बताया कि इस साल मई में राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के ङ्क्षचतन शिविर में यात्रा निकालने का फैसला किया गया था जो तमिलनाडु में कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक 3750 किलोमीटर की दूरी 150 दिनों में पूरी करेगी। 12 राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी से होकर गुजरने वाली यात्रा का उद्देश्य केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे का कड़ा विरोध करना है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका उद्देश्य सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष समूहों को एकजुट करना है ताकि केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार को 2024 में दोबारा सत्ता में आने से रोका जा सके।
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By not responding, the government made it clear that it used Pegasus: Congress The Congress on Thursday alleged that the government has not responded by making it clear that it used Israeli spyware to undermine democracy after a Supreme Court-appointed committee said the Center did not cooperate with the investigation into the Pegasus case. was used. Congress spokesperson Gaurav Vallabh said, "Everyone knows that this weapon was used and it
जवाब नहीं देकर सरकार ने साफ किया कि उसने पेगासस का इस्तेमाल किया: कांग्रेस नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एक समिति ने कहा है कि केंद्र ने पेगासस मामले में जांच में सहयोग नहीं दिया, जिसके बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने जवाब नहीं देकर साफ कर दिया है कि उसने लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए इजराइली स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया था। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, ‘‘सब जानते हैं कि इस हथियार का इस्तेमाल किया गया और इसने लोकतंत्र को दागदार किया। यह हथियार कानून और संविधान के खिलाफ है। वे (सरकार) जवाब कैसे दे सकते हैं। कई बार जवाब नहीं देना भी जवाब होता है। सरकार ने (जवाब नहीं देकर) साफ कर दिया है कि उन्होंने लोकतंत्र के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया।’’
उन्होंने यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने मौन रहकर साफ कर दिया है कि उसने राहुल गांधी, अन्य विपक्षी नेताओं, वैज्ञानिकों, चुनाव आयुक्तों, उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार, सिविल सोसाइटी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय उत्तर नहीं देने को उत्तर ही मानेगा और इस मामले में सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। हम पहले दिन से पूछ रहे हैं कि सरकार ने पेगासस का इस्तेमाल क्यों किया और किस कानून के तहत किया।’’ प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूॢत सूर्यकांत और न्यायमूॢत हिमा कोहली की शीर्ष न्यायालय की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि समिति ने यह बात भी कही है कि केंद्र ने पेगासस मामले की जांच में सहयोग नहीं किया।
पेगासस के कथित अनधिकृत इस्तेमाल की पड़ताल के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने जांच वाले 29 मोबाइल फोन में से पांच में एक प्रकार का ‘‘मालवेयर’’ पाया है, लेकिन यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका कि इस ‘‘मालवेयर’’ का कारण इजराइली ‘स्पाइवेयर’ है या नहीं। किसी कम्प्यूटर या मोबाइल फोन तक अनधिकृत पहुंच हासिल करने, उसे बाधित या नष्ट करने के मकसद से विशेष रूप से बनाए गए सॉफ्टवेयर को ‘‘मालवेयर’’ कहा जाता है।
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