नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिहार विधानसभा का नया सत्र आज यानी 23 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र 27 नवंबर तक चलेगा। पांच दिनों तक चलने वाले इन सत्रों में राज्य में विकास, रोजगार, भ्रष्टाचार, किसानों और अपराध को मुद्दा बनाकर विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश में रहेगा।
हालांकि, सत्ता में फिर से वापस आई एनडीए विपक्ष के हमलों पर बचाव की स्थिति में दिखाई दे सकती है। वैसे शुरूआती दो दिन विधायकों को शपथ ग्रहण कराने में निकल जायेगें। इसमें 25 नवंबर को नए अध्यक्ष का भी चुनाव किया जाएगा। कोरोना काल के चलते नई विधानसभा सत्र का आयोजन सेंट्रल हॉल में सत्र होगा।
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होगी अध्यक्ष की नियुक्ति अध्यक्ष नियुक्ति के बाद 26 नवंबर को राज्यपाल दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त तौर पर संबोधित करेंगे। उसके बाद और आखिर दिन यानी 27 नवंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और सरकार की तरफ से जवाब दिए जाएंगे। बाद में सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा।
Patna: Newly elected Members of the Legislative Assembly (MLAs) of Bihar arrive for the first session today after the 2020 Bihar state elections pic.twitter.com/Ev22ogLGdQ — ANI (@ANI) November 23, 2020
Patna: Newly elected Members of the Legislative Assembly (MLAs) of Bihar arrive for the first session today after the 2020 Bihar state elections pic.twitter.com/Ev22ogLGdQ
इस दौरान खास कर कोरोना महामारी को लेकर दोनों सदनों के सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए एक दूसरे से दूरी बना कर बैठेंगे। इसके साथ ही सत्र के दौरान सदन में मास्क लगाकर ही बैठना होगा।
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तेजस्वी का मांगा इस्तीफा बिहार विधानसभा की कार्यवाही के पहले दिन भाजपा ने तेजस्वी का इस्तीफा मांग लिया। भाजपा ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कहा कि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर अपने मंत्री को पद से हटा दिया था और अब आरजेडी नेता तेजस्वी भी अपने पद से इस्तीफा दें, क्योंकि उन पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।
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पहली बार होंगे 90 सदस्य पिछली सत्र तक दिखने वाले डेढ़ सौ विधायक चुनाव हार जाने के चलते इस बार सदन में नहीं नजर आएंगे और इस बार की विधानसभा में 90 सदस्य पहली बार नजर आएंगे। इस बार 17वीं विधानसभा के लिए चुने गए कई सदस्य 16वीं विधानसभा से भी चुने गए हैं। इसके अलावा पेंशनभोगी 64 पूर्व विधायक फिर चुने गए हैं, जिसके चलते एक बार फिर से वो सदन में नजर आएंगे।
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पहली बार होगा ऐसा इस बार सत्र में मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी के 4 सदस्य नजर आएंगे। इस बार 10 साल के बाद बसपा की सदन में वापसी होगी। बसपा के एक सदस्य की 2010 के बाद जीत दर्ज की है। वहीँ, विभिन्न दलों से 90 विधायक पहली बार सदन में पहुंचे हैं।
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नहीं दिखेंगे सुशील मोदी बिहार विधानसभा में हमेशा से भाजपा का चेहरा सुशील मोदी हुआ करते थे, लेकिन इस बार वो दिखाई नहीं देंगे। इस बार सुशील मोदी की जगह सदन में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद होंगे। तारकिशोर प्रसाद इस बार विपक्ष के सारे सवालों का जवाब देने का काम करेंगे। इसके अलावा नीतीश कुमार के पुराने कई सिपहसलार इस बार नजर नहीं आएंगे।
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