नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के पहले चरण के लिए कुछ दिनों बाद वोट डाले जाएंगे। बिहार में नई पारी की शुरूआत करने के लिए सत्तारुढ़ जदयू-बीजेपी गठबंधन के साथ राजद और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों गठबंधन एक-दूसरे को हराने के लिए मैदान में तैयार हैं।
वहीँ, बिहार के बाद पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में 2021 में विधानसभा चुनाव हैं। जानकारों की माने तो बिहार के नतीजे ही पश्चिम बंगाल और असम चुनाव का असली रुख तय करेंगे। यही कारण है कि बिहार चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर राजद-कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन पर टिकी हुई है।
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जानकारों का कहना है कि बिहार के बाद असम में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होना है। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने सिर्फ हरियाणा में अपनी सरकार बनाई है। दिल्ली चुनाव में भी बीजेपी फेल हो गई थी। ऐसे में बिहार में बीजेपी को हर हाल में जीत चाहिए। अगर वो बिहार में हार का सामना करती है तो बंगाल में ममता बनर्जी फिर से सत्ता में आ सकती हैं। जबकि बीजेपी के बिहार में जीतने पर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की राह मुश्किल हो जाएगी।
बिहार चुनाव से बंगाल चुनाव की दिशा तय होगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पश्चिम बंगाल में हिंदी भाषियों की आबादी 13% है जिनमें यूपी और बिहार के लोगों की तादात 8% है। ये वही लोग हैं जो क्षेत्रीय पार्टियों पर ध्यान ही नहीं देते और बड़ी पार्टी से प्रभावित रहते हैं और इसलिए उन्हें ही वोट देते हैं। बंगाल में जब कांग्रेस मजबूत रही तब तक सभी हिंदी भाषी कांग्रेस को वोट देते आ रहे थे और कांग्रेस के बाद ये वोट बीजेपी के पास चले गए।
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जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी हिंदी भाषी लोगों को अपने तरफ करने के लिए बिहारी मतदाताओं को लुभाने में लगी हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी के हिंदी कार्यकर्ताओं के लिए छठ पूजा का आयोजन भी रखने की तैयारी की है। पार्टी को उम्मीद है कि उनका बंगाल चुनाव का सफर बिहार चुनाव में की जा रही तैयारियों के बाद सरल हो सकता है लेकिन अगर बीजेपी ने बिहार में बाजी मार ली तक तस्वीर पलट सकती है।
उधर, बिहार चुनाव में किसकी जीत होगी इससे असम चुनाव पर भी असर पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि अगर चुनाव में जदयू-बीजपी का गंठबंधन जीतता है तो बीजेपी क बढ़त मिलेगी और अगर कांग्रेस-राजद का गठबंधन जीतता है तो बीजेपी को कांग्रेस आसानी से घेर सकती है।
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