Friday, Dec 08, 2023
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10 साल के नीतीश-राज में अपहरण 3 गुना, मर्डर बढ़े और पुलिस में 38% पद खाली, पढ़े रिपोर्ट....

  • Updated on 10/22/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election)के लिए चुनावी मैदान में सभी दलों के बीच खींचातानी मची हुई है। सभी दल अपने-अपने तरीकों से जनता को लुभाने में लगे हैं तो वहीँ इस चुनावी मैदान में सबसे बड़े प्रतिद्वंदी के रूप में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव आमने सामने नज़र आ रहे हैं। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय तक राज करने वाली लालू प्रसाद सरकार के गुंडा राज को खत्म करने में सफल रही थी और इसलिए नीतीश बिहार के सीएम बने थे। लेकिन मौजूदा समय में बिहार के जो हालात हैं उन्हें देखते हुए जनता एक बार फिर परिवर्तन चाहती है। 

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नीतीश काल में अपराध...
वहीँ, नीतीश सरकार के बाद विभिन्न सरकारी स्रोतों से अपराध के आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि 2004 के बाद से नीतीश सरकार के तीन कार्यकाल में हत्या के मामलों में गिरावट आई है। जबकि फिरौती के लिए अपहरण, राष्ट्रीय जनता दल शासनकाल के बराबर ही हैं। लेकिन नीतीश काल में हत्या की कोशिशों की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं।

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ऐसे बदली तस्वीर...
पिछले 10 साल के आंकड़ों की तुलना करने पर असल तस्वीर नजर आती है। इन आंकड़ों के अनुसार 2009 से 2019 के बीच बिहार में हत्या के मामलों में 5% की बढ़ोतरी हुई है। इसके विपरीत, हत्या के मामलों की कोशिश 2004 की तुलना में 2019 में 148% ज्यादा थी। इसमें 2009 की तुलना में 143% वृद्धि हुई है। 

वहीँ, अपहरण के मामलों में यहां आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है, 2004 से 2019 के बीच अपहरण के मामलों में 214% वृद्धि हुई है। जबकि 2019 के आंकड़ों के अनुसार अपहरण के केवल 20% मामले गंभीर देखे गए। महिलाओं को घर से भगाने के 80% मामले थे। वाहिनी, पिछले वर्ष फिरौती के लिए अपहरण के 43 क्लियर मामले रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं।

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बढ़ा पुलिस बल 
वहीँ, नीतीश सरकार के दौरान पुलिस थानों में पुलिस बल काफी बढ़ा जो लालू सरकार में न के बराबर था। पुलिस बल पिछले 15 वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ गया है। बीपीआरएंडडी से पुलिस बल के डेटा के अनुसार, बिहार पुलिस बल 2005 में लगभग 85,000 से 1.4 लाख तक बढ़ गया है।

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खाली पद और मामले बढ़े...
लेकिन कुछ परिवर्तनों के साथ बिहार में खाली पड़े पदों पर विस्तार नहीं हो सका। अभी भी बिहार में रिक्त पदों की संख्या सबसे ज्यादा है। नीतीश सरकार के दौरान रिक्त पदों की संख्या बढ़ी है। पुलिस में साल 2009 में 30% पद खाली थे यह संख्या 2019 में बढ़कर 38% हो गई है। जबकि अन्य आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2004 और 2019 के बीच बलात्कार में मामलों में 47% और डकैती में मामलों में 70% की कमी आई है। वहीं 2009 और 2019 के बीच डकैती के मामलों में 48% की वृद्धि हुई है।

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