Thursday, Jun 01, 2023
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बिहार चुनाव 2020: प्रधानमंत्री के नाम पर वोट मांगते हैं नीतीश, कहा- PM बिहार का विकास करेंगे

  • Updated on 10/29/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का बुधवार को एक साथ मंच साझा करने से इंकार के बाद उनके नाम पर वोट मांगने के लिए एक पूरा माहौल बनाया गया। मतदाताओं के सामने सीएम नीतीश ने अपना भाषण बिहार में केंद्र द्वारा किए गए कार्यों के लिए समर्पित किया और कहा कि अगर एनडीए सत्ता में वापस आ गया तो मोदी राज्य का विकास सुनिश्चित करेंगे। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए और प्रचार के लिए समय निकालने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि, उनकी अपील को सुनो।

यदि आप एनडीए को एक और मौका देते हैं, तो आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि वह राज्य को बदल देंगे। सीएम ने पीएम की उदारता की सराहना करते हुए बिहार में पटना मेट्रो, स्मार्ट सिटी योजना, उज्ज्वला योजना और सड़कों का जिक्र किया।

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सीएम-पीएम के नाम पर वोट मांग रहे
जनसभा के दौरान भीड़ से मोदी-मोदी के नारे लगे, नीतीश ने कहा कि लोग केवल मोदी को सुनने के लिए रैली में आए थे, और कहा कि कोविद -19 को नियंत्रित करने के उनके प्रयास असाधारण थे। नीतीश के भाषण के बाद मोदी को युगपुरुष के रूप में पेश करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

बता दें कि 2019 में 40 में से 39 सीटों पर एनडीए की जीत का श्रेय काफी हद तक मोदी फैक्टर को दिया गया, यह पहली बार विधानसभा चुनाव में है कि सीएम-पीएम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इससे पहले 2009 के लोकसभा और 2010 के विधानसभा चुनावों में जब वह गुजरात के सीएम थे, मोदी ने बिहार के बाहर एनडीए के अभियानों के दौरान नीतीश के इशारे पर काम किया था। 2010 की जनसभा में नीतीश ने कहा था, जब बिहार में सुशील मोदी हैं, तो यहां किसी दूसरे पीएम मोदी की जरूरत नहीं है। यहां तक ​​कि उन्होंने मोदी की मौजूदगी में पटना में 2010 में एक निर्धारित एनडीए डिनर भी रद्द कर दिया था।

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बीजेपी ने पार्टी के नौकरियों के वादे को किया रेखांकित
पीएम मोदी के साथ नीतीश की असहजता को 2002 के गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, हालांकि उस समय केंद्र में जेडी(यू) नेता एनडीए सरकार का हिस्सा थे। नीतीश ने 2013 में राजग के साथ भागीदारी की। उन्होंने महागठबंधन के हिस्से के रूप में 2015 के चुनाव लड़े। उस दौरान उन्होंने संघ-मुक्त भारत के लिए आह्वान किया था। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में बिहार में बीजेपी ने पार्टी के नौकरियों के वादे को रेखांकित करते हुए पीएम की तस्वीर के साथ प्रमुख पोस्टर लगाए हैं, जो एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है।

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