नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत रत्न से सम्मानित और देश के गरिमामयी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज 96वां जन्मदिवस है। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वो पहली बार साल 1996 में 13 दिन के लिए पीएम बने और फिर साल 1998 से 1999 तक 13 महीने के लिए दूसरी बार पीएम बने और आखिरी और तीसरी बार साल 1999 से 2004 तक पीएम रहें। फिर साल 2009 उन्होंने में राजनीति से संन्यास लिया।
अटल बिहारी वाजपेयी सफल विपक्षी नेता के तौर पर भी जाने जाते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों को सुनने के लिए लोगों की भीड़ देखते नहीं बनती थी। वो अपनी कविताओं के लिए भी जाने जाते थे। लोग उनकी कविताओं के दीवाने थे। अटलजी एकमात्र ऐसे नेता थे जिनकी तारीफ के कसीदे विपक्ष ने भी पढ़े हैं।
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती आज
साधारण स्वभाव के अनोखे नेता करोड़ों लोगों के दिल पर राज करने वाले नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स में 16 अगस्त 2018 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया था। अटल बिहारी की इतनी बड़ी शख्सियत है कि लोग उनके तेज को आज तक याद करते हैं। इसके बावजूद उनके साधारण स्वभाव था। यही वजह थी कि उनकी अंतिम यात्रा में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई दिग्गज नेता पैदल चल पड़े थे।
अटल बिहारी वाजपेयी ने समावेशी राजनीति को आगे बढ़ाते हुए बखूबी गठबंधन सरकार चलाई थी। भारतीय जनसंघ की स्थापना में भी अटल बिहारी वाजपेयी अहम भूमिका थी। वे 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। अटल जी लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन भी करते रहे।
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जीवन से जुड़ी उपलब्धियां अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान स्वर्णिम चतुर्भुज और ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की। जिसके लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से देश के कई राज्यों को एक सूत्र में बांधने का काम किया। उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से कनेक्ट किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया।
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सर्व शिक्षा अभियान और टेलिकॉम पॉलिसी अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2001 में सर्व शिक्षा अभियान को लांच किया था। जिसकी चौतरफा तारीफ हुई थी। जिसके बाद सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ। इसके बाद, वाजपेयी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में टेलिकॉम पॉलिसी में तय लाइसेंस फीस को हटाकर रेवन्यू शेयरिंग की व्यवस्था करना भी शामिल रहा। इसके अलावा अटलजी ने ही अपनी सरकार ने ही अंतरराष्ट्रीय टेलिफोन में विदेश संचार निगम लिमिटेड के एकाधिकार को पूरी तरह खत्म कर दिया था। जिसका असर आजतक टेलीकॉम में इसका असर दिख रहा है।
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अटल बिहारी वाजपेयी की मशहूर कविता...
गीत नया गाता हूं टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर, पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर, झरे सब पीले पात, कोयल की कूक रात, प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूं गीत नया गाता हूं
टूटे हुए सपनों की सुने कौन सिसकी? अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं गीत नया गाता हूं।
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मौत से ठन गई
ठन गई! मौत से ठन गई!
जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ?
तू दबे पाँव, चोरी-छिपे से न आ, सामने वार कर फिर मुझे आज़मा
मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र, शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर
बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं
प्यार इतना परायों से मुझको मिला, न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये, आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए
आज झकझोरता तेज तूफान है, नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है
पार पाने का कायम मगर हौसला, देख तेवर तूफां का, तेवरी तन गई।
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