नई दिल्ली/शशांक याज्ञनिक। भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर रोहित शर्मा का आज जन्मदिन है। 45 नंबर की जर्सी पहनने वाले रोहित का जन्म नागपुर में हुआ था और वो आज 31 साल के हो गए। रोहित के जीवन में बचपन से लेकर अब तक बहुत से मजेदार किस्से हुए लेकिन उनके बर्थडे पर हम आपको बताएंगे रोहित के जीवन से जुड़े चार सबसे मजेदार किस्से।
जब क्रिकेट किट बैग खोने की वजह से मिली थी ये अनोखी सजा-
रोहित अपने दादा-दादी के घर (बोरिवली) से चर्चगेट तक लोकल ट्रेन से जाते थे। लोकन ट्रेन में भीड़ होने के कारण एक दिन रोहित का किट बैग ट्रेन से बाहर गिर गया। रोहित अगले स्टेशन पर उतर के अपने बैग को ढूंढने के लिए वो वापस ट्रैक पर गए लेकिन उनका बैग नहीं मिला। रोहित के बैग गिलरे की बात का कोई भी विशवास नहीं कर रहा था। उस दिन रोहित क्रिकेट एकेडमी देरी से पहुंचे जिसके कारण रोहित के कोच दिनेश लाड ने उन्हें सिर्फ फील्डिंग करने के लिए कहा और बैटिंग नहीं करने दी।
जब रोहित मैट रिटिका-
रोहित ने डोमैस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन की वजह से भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई थी। एक दिन टीम के शूट के लिए रोहित भी पहुंचे। उस वक्त रोहित 20 साल के थे। उस शूट की लोकेशन पर रितिका भी मौजूद थीं। रोहित ने उन्हें देखा लेकिन युवराज सिंह ने उन्हें रितिका की तरफ न देखने के हिदायत दे डाली। युवी बोले कि रितिका उनकी बहन जैसी हैं और उनकी तरफ रोहित न देखें।
शूट के दौरान रोहित को नरवस देख कर रितिका ने उनसे कहा कि अगर कुछ जरुरत हो तो रोहित उन्हें बता सकते हैं। इस तरह से रोहित पहली बार रिकिता से मिले और आग चलकर दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
रोहित को है ये अनोखी बीमारी-
यूट्यूब पर एक चैनल को दिए इंटरव्यू में रोहित ने बताया की उन्हें अपनी चीजें कही भी भूल जाने की आदत है। रोहित बहुत बार अपना फोन, Ipad, पासपोर्ट यहां तक की वो एक बार अपनी शादी की रिंग भी भूल चुके हैं। दरअसल रोहित अकसर लेट हो जाते हैं और जल्द बाजी में अपने सामन भूल जाते हैं। उन्होंने ने अपनी टीम के साथियों को बोला हुआ है कि जब भी टीम को जाना होता है तो एक बार आकर रोहित को अपनी चीजें लेने की याद दिला दिया करें।
क्रिकेट में रोहित का पहला कदम बतौर बल्लेबाज नहीं बल्कि...-
रोहित को क्रिकेट खेलने का शॉक था। बचपन में सभी बच्चों की तरह रोहित भी अपने घर के नीचे क्रिकेट खलते थे। क्रिकेट में रोहित की रुचि को देखते हुए उनके चाचा ने उन्हें एक क्रिकेट कैंप में भेजा जहां उनके कोच दिनेश लाड से उनकी मुलाकात हुई। कोच दिनेश लाड ने उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दी। रोहित ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत बतौर ऑफ सिंपनर की थी लेकिन अपने कोच के कहने पर उन्होंने बल्लेबाजी करना शुरू किया और मेहनत करके आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। इसलिए उन्हें 'टैलेंट' शब्द बिलकुल भी नहीं पसंद। उनका मनना है कि टैलेंट कुछ नहीं होता बल्कि मेहनत ही होती है जिसके कारण लोग किसी मुकाम पर पहुंचते हैं।
रोहित बचपन में अपने माता-पिता के पास नहीं रहते थे। उनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण रोहित के दादा-दादी के पास मुंबई में बोरिवली रहते थे। उनके परिवार में क्रिकेट को लेकर काफी रोमांच था। रोहित के दादा-दादी के घर पर लगभग पूरे ही दिन टीवी पर सिर्फ क्रिकेट ही देखा जाता था। जिसके कारण रोहित को शुरुआत से क्रिकेट का माहोल मिला और आज उनकी बल्लेबाजी के लिए उन्हें पूर विश्व में जानता है।
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