नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित हरक सिंह रावत ने मंगलवार को कांग्रेस महासचिव हरीश रावत को अपना‘बडा भाई’बताते हुए कहा कि वह उत्तराखंड के विकास के लिए उनसे एक बार नहीं बल्कि सौ बार या एक लाख बार भी माफी मांगने को तैयार हैं। कांग्रेस में उनकी वापसी की राह में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उनसे कथित नाराजगी के बाधक होने की खबरों के बीच हरक सिंह रावत ने कहा, ‘‘ वह (हरीश रावत) मेरे बड़े भाई हैं। उत्तराखंड के विकास, राज्य के नौजवानों और उसके हित के लिए मैं उनसे सौ बार या एक लाख बार भी माफी मांग सकता हूं।’’
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वर्ष 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले 10 कांग्रेस विधायकों में हरक सिंह भी शामिल थे। बगावत के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। इस घटना का जिक्र करते हुए प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कई बार संकेत दिया है कि हरक सिंह सहित इन नेताओं को कांग्रेस में तभी स्वीकार किया जा सकता है जब वे अपनी गलती के लिए क्षमा मांगें। इस बारे में पूछे जाने पर हरक सिंह ने 2016 की घटना को‘बहुत पुरानी बात’बताते हुए कहा कि उस समय की परिस्थितियां अलग थीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हरीश रावत को हमेशा अपना बड़ा भाई माना है और उनके साथ उनके संबंध हमेशा मधुर रहे हैं।
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हरीश रावत को एक बडा नेता बताते हुए हरक सिंह ने कहा, ‘‘धारचूला से लेकर मंगलौर या पांडुकेश्वर से लेकर जसपुर तक हरीश भाई का कद बहुत बडा है।’’ कांग्रेस में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर हरक सिंह ने कहा कि उनकी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से बात हो चुकी है जो उनकी बात पार्टी हाईकमान तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि हाईकमान के इस संबंध में निर्णय के बाद उसी के अनुसार वह अगला कदम उठाएंगे।
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भाजपा ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए हरक सिंह को रविवार रात पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। हरक सिंह भाजपा से अपने अलावा अपनी पुत्रवधू अनुकृति के लिए भी टिकट मांग रहे थे और समझा जाता है कि भाजपा के इसके लिए राजी नहीं होने पर वह कांग्रेस में भी संभावनाएं टटोल रहे थे। इसकी भनक लगते ही भाजपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था।
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