नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। डीएनए जांच के लिए रक्त का नमूना देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले दुष्कर्म मामले में फंसे भाजपा विधायक महेश नेगी की याचिका सुनने से बुधवार को न्यायाधीश एनएस धनिक ने इंकार कर दिया । अल्मोडा जिले के द्वाराहाट से विधायक नेगी का मामला अब मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान किसी दूसरी पीठ को भेजेंगे।
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जब तक नई पीठ का चयन नहीं होता और मामले को सूचीबद्ध नहीं किया जाता, तब तक नेगी को फौरी राहत मिल गयी है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने सोमवार को नेगी की देहरादून के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के नेगी को डीएनए जांच के लिए रक्त का नमूना देने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था।
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विधायक नेगी पर एक महिला ने पिछले वर्ष अगस्त में आरोप लगाया था कि उन्होंने उसके साथ अलग—अलग जगहों पर कई बार कथित रूप से दुष्कर्म किया। उसने यह भी दावा किया है कि विधायक उसकी पुत्री के जैविक पिता हैं। इस मामले की जांच फिलहाल पौडी जिले के श्रीनगर के महिला थाना द्वारा की जा रही है।
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