Monday, Sep 25, 2023
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bjp modi govt sought clarification by facebook owned whatsapp over israeli spyware pegasus

इजराइल स्पाईवेयर से पत्रकारों की जासूसी, सरकार ने व्हाट्सऐप से मांगा स्पष्टीकरण

  • Updated on 10/31/2019

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप ने बृहस्पतिवार को कहा कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के वैश्विक स्तर पर जासूसी की जा रही है। भारत के कुछ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। इसके बाद लोगों की निजता को लेकर नये सिरे से बहस छिड़ गयी है। इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सरकार ने कंपनी से पूछा है कि उसने करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिये क्या कदम उठाये हैं। 

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सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार व्हाट्सऐप पर भारत के लोगों से जुड़ी जानकारियों की चोरी को लेकर चिंचित है। हमने व्हाट्सऐप को यह स्पष्ट करने को कहा है कि यह किस प्रकार की जासूसी है और उसने करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिये क्या कदम उठाया है।’’ व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। 

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समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। जासूसी करने वाले निकायों का नाम नहीं बताया गया है, लेकिन कहा गया है कि जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं, उनमें चार महाद्वीपों के लोग शामिल हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। 

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हालांकि, व्हाट्सऐप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं। व्हाट्सऐप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं। कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला, जिसमें उसकी वीडियो कॉङ्क्षलग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया। 

व्हाट्सऐप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हाट््सऐप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है। कंपनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं। हालांकि कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय उपयोक्ता भी शामिल हैं। 

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वैश्विक स्तर पर व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है। भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हाट््सऐप का इस्तेमाल करते हैं। कंपनी पहले भी फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर सरकार का कोपभाजन रह चुकी है। खबरों के अनुसार, मानवाधिकार अधिवक्ता निहालसिंह राठौड़, छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता शालिनी गेरा और बीबीसी के पूर्व पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि वे इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि इसका सत्यापन नहीं किया जा सका है। 

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व्हाट्सऐप ने मंगलवार को कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में इजराइल की साइबर इंटेलिजेंस कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हालांकि, एनएसओ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह लाइसेंसधारी सरकारी खुफिया और विधि प्रवर्तन एजेंसियों को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराती है, जिससे ये एजेंसियां आतंकवाद और गंभीर अपराध से संबंधित मामलों में लड़ सकें। हमारी प्रौद्योगिकी का डिजाइन या लाइसेंस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए नहीं है।  

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इस बीच, आईटी मंत्रालय ने इस मुद्दे पर व्हाट्सऐप से सोमवार चार नवंबर तक जवाब देने को कहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा कि मंत्रालय ने इस बारे में व्हाट््सऐप को पत्र लिखकर अपना जवाब देने को कहा है। व्हाट्सऐप से इन आरोपों पर विस्तृत जवाब देने और बताने को कहा गया है कि इससे भारतीय लोग किस हद तक प्रभावित हुए हैं। प्रसाद ने ट्वीट में कहा कि भारत सरकार अपने नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है।

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गृह मंत्रालय ने इस विवाद पर कहा कि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों की निजता के उल्लंघन की खबरें भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोई भी बिचौलिया इकाई नागरिकों की निजता का उल्लंघन करते पाई गयी तो सरकार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। 

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मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'व्हॉट्सएप पर भारतीय नागरिकों की निजता भंग करने संबंधी खबरों के आधार पर कुछ बयान सामने आए हैं। कथित उल्लंघन के लिए भारत सरकार को बदनाम करने के प्रयास पूरी तरह से गुमराह करने वाले हैं।' अधिकारी ने कहा, Þयह स्पष्ट है कि भारत सरकार कानून के प्रावधानों और निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत सख्ती से काम करती है। किसी भी निर्दोष नागरिक का उत्पीडऩ न हो या निजता का उल्लंघन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त रक्षा उपाय हैं।' 

व्हाट्सऐप ने कहा कि दुनियाभर में करीब 1,400 स्मार्टफोन को निशाना बनाने का प्रयास किया है। इनमें भारत भी शामिल है। व्हाट्सऐप ने कहा, ‘‘उसका मानना है कि समाज के करीब 100 सदस्यों को इसका निशाना बनाने का प्रयास किया गया। यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि और प्रभावित लोग सामने आ रहे हैं। व्हाट्सऐप प्रमुख विल कैथकार्ट ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में ‘ओप-एड’ में लिखा है कि ऐसे उपकरण जो हमारी निजी जीवन की निगरानी कर सकते हैं उनका दुरुपयोग हो रहा है। इस तरह की प्रौद्योगिकी का गैर जिम्मेदार सरकारों और कंपनियों के पास पहुंचना हम सभी के लिए जोखिम पैदा करता है।
 

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