नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि अगर किसान कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केन्द्र की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत को तैयार है । सरकार और किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के बीच अभी तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है और अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई ङ्क्षहसा के बाद दोनों पक्षों में बातचीत बंद हो गई।
चुनाव से पहले लोगों को लगें कोरोना टीके, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से लगाई गुहार
गौरतलब है कि किसान केन्द्र द्वारा पिछले साल बनए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर नवंबर, 2020 के अंत से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। एक समारोह से इतर तोमर ने कहा कि सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वह किसानों की आय दोगुनी करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।
मोदी के नाम स्टेडियम को लेकर कांग्रेस बोली- गुजरात की अस्मिता को ललकारा है भाजपा ने !
मंत्री भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत की धमकी के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। टिकैत ने चेतावनी दी है कि अगर कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद तक मार्च निकाला जाएगा। सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास कर रही है या नहीं, इस पर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा, ‘‘भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। आज भी जब उनका कोई मत (विचार) आएगा, तो भारत सरकार हमेशा किसानों के साथ चर्चा करने को तैयार है।’’
अखिलेश का योगी सरकार पर कटाक्ष- बोले- जहां बेटियां सुरक्षित नहीं, वहां निवेश कैसे होगा
हजारों की संख्या में किसान, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कियान पिछले करीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। वे केन्द्र के कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं। सरकार की 41 किसान संगठनों के साथ 22 जनवरी को हुई 11वें दौर की बातचीत आंदोलनकारियों द्वारा केन्द्र का प्रस्ताव पूरी तरह ठुकराए जाने के बाद से रूकी हुई है।
पतंजलि की कोरोनिल को बिना सर्टिफिकेट महाराष्ट्र में बिक्री की इजाजत नहीं : देशमुख
केन्द्र ने किसानों को प्रस्ताव दिया है कि तीनों कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित करके उस अवधि में संयुक्त समिति गठित कर सभी चिंताओं को दूर किया जाए, लेकिन किसान कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 20 जनवरी को हुई 10वें दौर की बातचीत में केन्द्र ने उक्त पेशकश करते हुए आंदोलन कर रहे किसानों को घर लौटने और दिल्ली की सीमाएं खाली करने को कहा था। किसान संगठनों का आरोप है कि नए कानूनों के कारण मंडियां और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद समाप्त हो जाएगी और किसान बड़े कॉरपोरेट के भरोसे पर रह जाएगा। हालांकि सरकार ने इन्हें सिर्फ भ्रम करार दिया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों पर अल्पसंख्यक आयोग की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के खिलाफ याचिका
यहां पढ़े अन्य बड़ी खबरें...
किसानों ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का किया विरोध, गांव आए तो लगाए मुर्दाबाद के नारे
अभिषेक बनर्जी के घर सीबीआई, कोयला चोरी मामले में उनकी पत्नी, साली को नोटिस
Delhi-NCR में आज से चलेंगी लोकल ट्रेनें, ऐसे टिकट करनी होगी बुक
किसानों ने आंदोलन तेज करने के लिए अपने नए कार्यक्रमों का किया ऐलान
पश्चिम बंगाल : ममता सरकार ने की पेट्रोल, डीजल पर टैक्स में कमी
केरल में हिंदू युवतियों के इस्लाम में धर्मांतरण पर रिपोर्ट मंगाएंगे केरल के गवर्नर
केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने मोदी सरकार के गौ विज्ञान को लेकर उठाए सवाल
BBC डॉक्यूमेंट्री बैनः SC ने केंद्र को नोटिस जारी, 3 हफ्ते में मांगा...
Nawazuddin Siddiqui की मां ने लगाए बहू पर आरोप, कहा -'नहीं है ये...
कंझावला मामला: अंजलि की विसरा रिपोर्ट से हुआ ये खुलासा
शाहरुख खान की हीरोइन करने जा रही हैं शादी, इस दिन लेंगी सात फेरे
अडाणी समूह के शेयरों में जारी है गिरावट, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर...
Video: इस भव्य महल में सात फेरे लेंगे कियारा-सिद्धार्थ, यहां देखें...
अडानी मामले पर संसद में आज भी बवाल, दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 480 अंक से अधिक चढ़ा, निफ्टी में 118 अंक...
अमेरिकी हवाई क्षेत्र में दिखा चीनी जासूसी गुब्बरा, खतरे की आशंका
ग्राहकों को झटका, अमूल ने 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए दूध के दाम