Thursday, Jun 01, 2023
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तमिलनाडु में बिहारी प्रवासियों पर हमले की अफवाह भाजपा ने फैलाई : JDU का आरोप 

  • Updated on 3/9/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर ‘‘चुनावी लाभ'' के लिए तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले की ‘‘अफवाह'' फैलाने का आरोप लगाया। जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने यह भी कहा कि हालांकि उनकी पार्टी दूसरे देश की धरती पर देश की आलोचना करने के पक्ष में नहीं है, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी का अपने कैम्ब्रिज दौरे के दौरान "भारत में लोकतंत्र के लिए खतरे" के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त करना उनका व्यक्तिगत अधिकार है।

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ललन ने कहा, “यह पता चला है कि तमिलनाडु में कुछ भी नहीं हुआ था। जरा उन लोगों को देखिए जिन पर अफवाह फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है।'' कुछ ही महीने पहले भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन सरकर बनाने वाली जद(यू) के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘तो, यह है भाजपा का चरित्र। अफवाहें फैलाना, विरोध करने वाली पार्टियों से जोर-जबरदस्ती, यह सब चुनावी फायदे के लिए, लेकिन यह गलती कर रहा है। देश के लोग अब उनकी नौटंकी को जान चुके हैं।''

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विदेश में राहुल गांधी की टिप्पणी से उपजे विवाद के बारे में पूछे जाने पर, ललन ने कहा, "हमारा मानना है कि देश की समस्याओं पर घरेलू धरती पर बेहतर तरीके से चर्चा की जाती है, जो एक बहुत बड़ा मंच प्रदान करती है। हमें नहीं लगता कि किसी विदेशी धरती पर अपने देश की आलोचना की जानी चाहिए।” जद (यू) के अध्यक्ष ने साथ ही यह भी कहा, "हम यह भी मानते हैं कि राहुल गांधी भारत में लोकतंत्र के खतरों के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का व्यक्तिगत अधिकार रखते हैं और खतरा वास्तविक है। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले से यह तथ्य सामने आया है।''

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोधी चिराग पासवान और हाल ही में बगावत करके जद(यू) छोड़ने वालजे उपेंद्र कुशवाहा के भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने संबंधी अटकलों पर ललन ने कहा, “2015 के बिहार विधानसभा चुनाव को याद करें जब ये लोग भाजपा के साथ थे। उन्होंने निराशाजनक प्रदर्शन किया।'' ललन का इशारा कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में “महागठबंधन” (जदयू, कांग्रेस, राजद का गठबंधन) के हाथों राजग को मिली हार की ओर था। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का "जोड़ तोड़" (अन्य दलों को विभाजित करने का प्रयास) नागालैंड में काम कर रहा था, जहां जद (यू) के एकमात्र विधायक ने नवगठित सरकार जिसमें भगवा पार्टी एक हिस्सा है, को समर्थन देने की पेशकश की।

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जद (यू) अध्यक्ष ने कहा, “चूंकि हम मानते हैं कि हमारा भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं हो सकता है, हमने नागालैंड इकाई को घोर अनुशासनहीनता का दोषी ठहराया और इसे भंग करने का निर्णय लिया। भाजपा ने पहले अरुणाचल में भी हमारे विधायकों को तोड़ दिया था।'' पिछले साल की उथल-पुथल का जिक्र करते हुए ललन ने आरोप लगाया, "बिहार में, वे हमारे साथ वही करना चाहते थे जो वे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में करने में सफल रहे। लेकिन हमें समय रहते उनकी मंशा की भनक लग गई।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेघालय को ही देख लीजिए जहां वे सरकार पर सबसे भ्रष्ट होने का आरोप लगा रहे थे। अब वही सरकार सत्ता में वापस आ गई है और भाजपा के शीर्ष नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं।''

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जद (यू) प्रमुख ने कहा, "इतने साल तक केंद्र में सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा के पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। हर जगह उज्ज्वला योजना की बात चल रही थी, जो असफल रही है क्योंकि महंगे गैस सिलेंडर के कारण लाभार्थियों के लिए रिफिल कराना असंभव हो गया है।" भाजपा नेता ‘आयुष्मान भारत'योजना की भी प्रशंसा करते हैं, यह कहते हुए जद(यू) नेता ने कहा कि सरकार को आंकड़े देने जारी करने चाहिए कि आखिर इस स्वास्थ्य बीमा योजना से कितने लोगों को लाभ हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति की मांग से भी बचने की कोशिश कर रही है, जिस पर इतिहास के सबसे बड़े कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा रहा है। दूसरी ओर, यह सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों के बदले की भावना से अपने विरोधियों को परेशान करती रहती है।'' 

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