नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों के द्विवार्षिक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक कई सीटें जीत चुकी है और ज्यादातर सीटों पर उसके प्रत्याशी निर्णायक बढ़त बनाये हुए हैं। वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है।
विधान परिषद की 36 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में नौ सीटों पर भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी 27 सीटों के लिए पिछले शनिवार को मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि 27 सीटों के लिए मतगणना का कार्य सुबह आठ बजे शुरू हुआ, जिसमें भाजपा ने शुरू से ही बढ़त बना ली। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से जीती भाजपा का अब विधान परिषद में भी बहुमत होना तय हो गया है। भाजपा अब तक बस्ती, बाराबंकी, बलिया, फैजाबाद-अम्बेडकर नगर, गोंडा और सीतापुर की सीटें जीत चुकी है।
हालांकि, भाजपा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में करारा झटका लगा है जहां निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल कर ली। यहां भाजपा तीसरे स्थान पर रही। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी सीट से पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह की पत्नी निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 मत पाकर चुनाव जीत लिया है। उन्होंने अपने निकटतक प्रतिद्वंद्वी सपा के उमेश यादव को 3889 मतों से हराया। भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल 170 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा 127 मतपत्र निरस्त हुए हैं।
बस्ती से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक बस्ती- सिद्धार्थनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार सुभाष यदुवंश 4280 वोट से विजयी हुए। उन्हें कुल 5167 मत मिले है। सपा प्रत्याशी सन्तोष यादव सन्नी को 887 वोट प्राप्त हुए है। बाराबंकी सीट से भाजपा के अंगद कुमार सिंह 1745 मतों से विजयी घोषित किये गये। उन्हें 2272 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राजेश यादव को 527 मत प्राप्त हुए। अयोध्या से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार फैजाबाद- अम्बेडकर नगर सीट से भाजपा उम्मीदवार हरि ओम पांडेय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के हीरालाल यादव को 1680 मतों से हराया। पांडेय को 2724 और यादव को 1044 मत प्राप्त हुए।
गोंडा- बलरामपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी अवधेश कुमार सिंह चुनाव जीत गए हैं। जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार ने बताया कि सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी सपा के भानु त्रिपाठी को 4401 मतों से पराजित किया। सपा प्रत्याशी को मात्र 171 मत मिले। बलिया सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रविशंकर सिंह पप्पू ने जीत हासिल की है। उन्हें 2259 तथा सपा प्रत्याशी अरविंद गिरि को 278 मत प्राप्त हुए। पप्पू ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। वह विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
सीतापुर सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार पवन कुमार सिंह ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। उन्हें 3753 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के अरुणेश यादव को मात्र 61 मत प्राप्त हुए। विधान परिषद चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि, कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी भाजपा के बहुमत हासिल होने की सम्भावना बहुत प्रबल हो गयी है। वर्तमान में 100 सदस्यीय सदन में भाजपा के 34 सदस्य हैं। निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतों की गिनती हो रही है, उनमें मुरादाबाद- बिजनौर, रामपुर- बरेली, पीलीभीत- शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती- सिद्धार्थनगर, गोरखपुर- महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़- मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी- जालौन- ललितपुर, कानपुर- फतेहपुर, इटावा- फरुखाबाद, आगरा- फिरोजाबाद, मेरठ- गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं।
स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं। इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं। राज्य की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 34, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल व निषाद पार्टी के एक- एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि निर्दलीय समूह का एक और एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है। राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।
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