नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नए कृषि कानूनों (New Farm laws) के विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) ने खुद को अलग कर लिया है। भूपिंदर सिंह मान अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भी हैं। इनका नाम सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में आने पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। आंदोलनरत किसानों का कहना था कि मान पहले से ही कृषि कानूनों के समर्थन में हैं, ऐसे में यदि वो कानूनों की समीक्षा करेंगे तो किसानों के साथ अन्याय होगा।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही इस कानून से संबंधित विवाद को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी के गठन का भी निर्देश दिया है जो संबंधित पक्षों के विवादित मामलों की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई ताकत उसे नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती और उसे समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है।
गाजीपुर बॉर्डर में किसान आंदोलन स्थल पर दिख रहे लुभावने दृश्य, बनाई गई 'नानक दी हट्टी'
किसानों ने कमेटी के सामने जाने से किया इनकार वहीं सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद भी केंद्र सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चाहे नए कृषि विवादित कानूनों को ठंडे बस्ते में डालकर पैनल गठित कर किसानों को अपनी बात उसके समक्ष रखने को कहा है। मगर किसानों ने पैनल के समक्ष जाने से साफ इनकार कर दिया।
इसके बारे में उनका मानना है कि पैनल में शामिल लोग इन कानूनों के हक में ही खुलकर बोलते हैं। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने यह बात स्पष्ट भी कर दी है। ऐसे में केंद्र सरकार और राजधानी दिल्ली को करीब डेढ़ महीने से घिरे बैठे किसानों के बीच 15 जनवरी की प्रस्तावित नए दौर की बातचीत में भी इस मामले का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है।
दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर कृषि कानून की जलाईं प्रतियां
15 जनवरी को नहीं बनी बात तो तेज होगा आंदोलन- किसान अगर सरकार ने 15 जनवरी को भी टालमटोल किया तो किसान संगठन अपने प्रदर्शन को तेज कर देंगे और 17 जनवरी को राजपथ पर जाने का प्लान बनाएंगे। बुधवार को किसानों ने लोहड़ी का त्यौहार भी प्रदर्शन स्थल पर मनाया। किसानों ने लोहड़ी की आग में तीनों कृषि कानूनों की प्रति भी जलाई। इस दौरान किसानों रेवडियां और मुगफली जैसे अन्य खाने के सामान भी बांटे। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह जल्द ही किसानों के बारे में सोचे नहीं तो वह जल्द ही राजपथ पर परेड में शामिल होंगे। किसान सरकार पर दवाब बनाने के लिए बार-बार इस बात को कह रहे हैं।
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