फिल्म : 'खुदा हाफिज' डायरेक्टर : फारुक कबीर एक्टर्स : विद्युत जामवाल, शिवालिका ओबेरॉय रेटिंग : 5 में से 3 स्टार
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद नेपोटिज्म के खिलाफ छिड़ी बहस के कारण सेल्फमेड एक्टर्स की फिल्मों को लेकर दर्शक काफी उत्साहित हैं। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि इन फिल्मों को दर्शकों द्वारा खुब सारा प्यार मिलेगा। इसी बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर फिल्म खुदा हाफिज रिलीज हुई है। इस फिल्म को पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है।
फिल्म में विद्युत जामवाल का एक्शन और एक्टिंग दोनों ही देखने को मिलेंगे। हालांकि फिल्म में सस्पेंस बहुत अधिक नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि फिल्म में सस्पेंस के नाम पर कहानी में ऐसे ट्विस्ट डाले गए हैं, जिनका अंदाजा दर्शक आसानी से लगा सकते हैं।
कहानी फिल्म की कहानी समीर चौधरी और नरगिस की है। दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठते हैं। बात शादी तक पहुंच जाती है। शादी के बाद दोनों अच्छी तरह जीवन बसर कर रहे हैं। बाद में अचानक से देशभर में मंदी आती है। मंदी के कारण लाखों लोगों की नौकरी चली जाती है, जिसमें ये दो प्रेमी जोड़ी भी शामिल होते हैं। बाद में दोनों नौकरी की तलाश में नोमान में अप्लाई करते हैं। इस दौरान नरगिस की नौकरी पहले लग जाती है और वो नोमान चली जाती है।
नोमान जाने के बाद वो एक सेक्स रैकेट में फंस जाती है फिर वहां से वो समीर को अपनी सारी समस्या बताती है। समीर नोमान जाने की व्यवस्था करता है, लेकिन उसे क्या पता कि नरगिस की वो आखिरी कॉल थी। उसके बाद नरगिस से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। फिर भी समीर नोमान पहुंच जाते हैं। क्या समीर अनजान भरे जगहों पर अपनी पत्नी को ढूंढ पाएगा? इस सवाल का जवाब पाने के लिए आपको आगे की फिल्म देखनी होगी।
एक्टिंग 2 घंटे 14 मिनट की कहानी खुदा हाफिज में लीड रोल निभा रहे विद्युत जामवाल की एक्टिंग फैंस को पसंद आएगी। विद्युत जामवाल का एक्शन फिल्म की कहानी को थोड़ी मजबूती दे पाता है हमें कह सकते हैं कि उन्होंने अपने किरदार के साथ काफी न्याय किया। वहीं विद्युत के साथ नजर आई एक्ट्रेस शिवालिका ओबेरॉय यानी कि नरगिस का किरदार विद्युत के सामने थोड़ा फीका रहा। आपको बता दें कि इस फिल्म में विद्युत और शिवालिका के अलावा शिव पंडित और अन्नू कपूर मुख्य भूमिका में हैं। जिन्होंने अपने किरदार को बखूबीनिभाया।
निर्देशन और स्क्रिप्टिंग फिल्म का निर्देशन फारुक कबीर ने किया है। कबीर द्वारा निर्देशित फिल्म को एक एक्शन थ्रिलर बताया जा रहा है। लेकिन फिल्म में एक्शन और थ्रिलर दोनों की मात्रा बहुत कम नजर आती है। अपने निर्देशन के साथ फारुक ने पूरी न्याय करने की कोशिश की है। हालांकि बावजूद इसके फिल्म कई जगह से लिंक से हटती हुई दिखाई दे रही है। वहीं, स्क्रिप्ट को और भी बेहतर किया जा सकता था।
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