नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सरकारी दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के श्रमिक संगठनों तथा अधिकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा हाल ही में घोषित राहत पैकेज, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना तथा संपत्तियों की बिक्री अथवा पट्टे पर देने की योजना का समर्थन किया। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
महाराष्ट्र की सियासत को लेकर सोनिया से मिले पवार, बोले- नहीं पता आगे क्या होगा
सरकार ने दोनों कंपनियों को उबारने के लिये पिछले महीने 69 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार ने दोनों कंपनियों का विलय करने, कुछ संपत्तियां बेचने अथवा पट्टे पर देने तथा कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की भी घोषणा की।
RCEP समझौते में शामिल नहीं होगा भारत, कांग्रेस बोली- दबाव काम आया
इससे पहले शुक्रवार को दूरसंचार मंत्री ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को निर्देश दिया कि वह कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना के दिशानिर्देशों पर तेजी से काम करे और संपत्तियों के मौद्रीकरण उपायों पर समयबद्ध तरीके से आगे बढ़े। इसके साथ ही कंपनियों से दूरसंचार बाजार में आक्रमक ढंग से काम करने की भी हिदायत दी।
आर्थिक मुद्दों, बेरोजगारी पर मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त प्रदर्शन करेंगे विपक्षी दल
इस बीच बीएसएनएल और एमटीएनएल के कुछ वेंडर करीब 20 हजार करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान नहीं होने को लेकर दोनों सरकारी कंपनियों के खिलाफ दिवाला एवं रिणशोधन अक्षमता के तहत मामला ले जा रहे हैं। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स टेलीकॉम कमिटी के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने कहा कि ये बकाये टेलीकॉम गियर तथा अन्य सामानों की आपू्र्ति को लेकर हैं।
NCP बोली- व्हॉट्सएप जासूसी मुद्दे की जांच के लिए SIT का हो गठन
उन्होंने दावा किया, ‘‘बीएसएनएल और एमटीएनएल के वेंडरों का कुल बकाया करीब 20 हजार करोड़ रुपये है। बैंक बकाये के भुगतान के लिये वेंडरों पर दबाव डाल रहे हैं। सभी वेंडर मिलकर 19 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे। यदि उसके 10 दिन बाद भी भुगतान नहीं किया गया तो दोनों कंपनियों को बेचने की अपील के साथ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया जायेगा।’’ बीएसएनएल और एमटीएनएल ने इस बारे में ईमेल के जरिये पूछे गये सवालों का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
एमटीएनएल ने स्थायी कर्मचारियों के लिये पेश की वीआरएस योजना सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल ने सोमवार को कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की। कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब चंद रोज पहले सरकार ने एमटीएनएल और बीएसएनएल के लिये राहत पैकेज की घोषणा की है। यह योजना वीआरएस के गुजरात मॉडल पर आधारित है। कर्मचारियों के पास तीन दिसंबर 2019 तक इसे चुनने का विकल्प है।
सिसोदिया बोले- जावड़ेकर ने प्रदूषण पर 3 बैठकें स्थगित कीं
कंपनी ने कर्मचारियों को ईमेल से भेजे नोटिस में कहा कि 31 जनवरी 2020 तक जिन नियमित व स्थायी कर्मचारियों की उम्र 50 साल या इससे अधिक हो जाएगी, वे इस योजना के पात्र हैं। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने कहा कि उसके कुल 22 हजार कर्मचारियों में से करीब 15 हजार के इस योजना के लिये पात्र होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत की गयी घोषणाएं कर्मचारियों के लिये आकर्षक हैं।
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
Conversion Via Online Game: महाराष्ट्र में धर्मांतरण करा चुका है बद्दो
सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 235 अंक चढ़ा, निफ्टी भी मजबूत
फरीदाबाद के छात्र ने खोले धर्मांतरण गैंग के राज, जानें क्या हैं तौर-...
सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को फिर बातचीत के लिए बुलाया
विपक्ष 2024 में विश्वसनीय विकल्प लेकर आया, तो लोग कर सकते हैं विचार:...
पहलवानों के समर्थन में दिल्ली में धरना देने का किसानों का कार्यक्रम...
अरविंद केजरीवाल बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से करेंगे मुलाकात
आगमी चुनावों की तैयारियों में जुटी BJP, शाह और नड्डा ने की बैठकें
विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाया
DU में अस्थायी प्रोफेसरों की ‘‘दुर्दशा' पर AAP का शिक्षक प्रकोष्ठ...