नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर एक ओर जहां राजपथ पर देश के गौरव का प्रदर्शन किया गया वहीं दूसरी ओर किसानों के ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) से दिल्ली में कुछ घंटों का समय हुड़दंग मचा रहा। इस रैली को लेकर कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। इसमें बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने भी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मचे उत्पात की निंदा की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से कारूर लेना चाहिए।
1. देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए। 1/2 — Mayawati (@Mayawati) January 27, 2021
1. देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए। 1/2
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में बसपा ने केन्द्र सरकार से पुन: यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके।
ज्यादा पुलिसकर्मी हुए घायल गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में कई स्थानों पर ट्रैक्टर सवार किसानों ने हंगामा और उत्पात किया ,इस दौरान कई जगह उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी। इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं। ट्रैक्टर रैली की आड़ में हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिनमें से 45 ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली उपद्रव में तब्दील हुई और प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए।
कई स्थानों पर पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़पें हुईं। कई स्थानों पर तलावार लेकर प्रदर्शनकारी पुलिस के पीछे भागते नजर आए। वहीं लाल किले का जो वीडियो सामने आया है उसमें पुलिस वाले दीवार से गिरते नजर आ रहे हैं। लाल किले पर पहुंचे हुड़दंगियों को रोकने में ही करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और सड़कों पर घंटों ट्रैक्टरों से स्टंट किए। नांगलोई, अक्षरधाम, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, पीरागढ़ी, अप्सरा बॉर्डर, मुकरबा चौक, आजादपुर मेट्रो स्टेशन के पास हिंसा हुई और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया।
इन स्थानों पर हुआ लाठी चार्ज बिगड़े हालात को देखते हुए अक्षरधाम, आईटीओ, नागलोई, पीरागढ़ी, सिंघु बॉर्डर, अप्सरा बॉर्डर, मुकरबा चौक, आजादपुर मेट्रो स्टेशन के पास पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। घटना में अब तक 83 किसान और 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक किसान उत्तराखंड निवासी रणवीर की डीडीयू मार्ग पर स्टंट करने के दौरान ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई।
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