नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को लोकसभा (Lok Sabha) में मोदी सरकार 2.0 का पहला पूर्ण बजट 2020-21 (Union Budget 2020) पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने बैंक डिपॉजिट (Banking Deposit) को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि बैंक के डूबने पर भी आपके 5 लाख रुपये तक की गारंटी बैंक की होगी यानि आपके अकाउंट में 5 लाख तक रुपए बिल्कुल सेफ रहेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले तक बैंक में आपके चाहे कितने भी रुपये हो आपको गारंटी के तौर पर सिर्फ 1 लाख रुपये ही मिला करते थे लेकिन इस बजट के बाद अब Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) को बढ़ा कर 5 लाख कर दिया गया है।
#Breaking: बैंकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर,बैंक जमा पर गारंटी 5 लाख रुपये हुई#NirmalaSitharaman @nsitharaman#BudgetSession #Budget2020 #Narendramodi @narendramodi #BudgetSession2020 #EconomicSurvey2020 #Modigovernment #आर्थिकबजट #Navodayatimes #Punjabkesarigroup pic.twitter.com/TgyNmZbTCb — Navodaya Times (@navodaya_times) February 1, 2020
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डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, अब तक बैंक के डूबने की स्थिति में खाताधारक के लिए 1 लाख रुपये तक की ही गारंटी थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय सेक्टर में पहले हमने 10 बैंकों का विलय चार बैंकों में किया। लेकिन अब इन्हें प्रतिस्पर्धी बनाने की कोशिश होगी। ये शेयर बाजार से अतिरिक्त पूंजी जुटा सकते हैं। हमारे सभी सरकारी बैंकों की हालत सही है। सभी खाताधारियों का पैसा बिल्कुल सुरक्षित है। हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
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सरकार ने दिया भरोसा निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि बैंकों में पैसा जमा कराने वालों के लिए इंश्योरेंस कवर 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। यानी, अगर बैंक डूबता है तो आपकी 5 लाख रुपये तक की जमा रकम सरकार वापस करेगी। सभी कर्मशल बैंकों की निगरानी की मजबूत व्यवस्था है। सरकार सबको भरोसा दिलाती है कि उनके पैसे बिल्कुल सुरक्षा है। मध्यम और लघु उद्यमियों को पूंजी की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट बनाने का फैसला हुआ है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि सरकार ने निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) को बैंक जमा बीमा संरक्षण पांच गुना कर 5 लाख रुपये तक करने की अनुमति दी है। डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है। यह बैंकों में जमा ग्राहकों के पैसों का बीमा करती है।
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राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पीएसयू बैंकों में सेवाएं प्रभावित बैंक कर्मियों की देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेवाएं प्रभावित हुई। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। यह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों का निकाय है। बैंक कर्मी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। बैंक र्किमयों के वेतन वृद्धि का मामला नवंबर 2017 से लंबित है। हालांकि आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक समेत निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज चालू है।
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ATM में पैसे खत्म देश के विभिन्न हिस्सों के मिली खबरों के अनुसार कई जगह बैंक शाखाएं बंद रही और कुछ एटीएम में भी नकदी समाप्त हो गई। भारतीय स्टेट बैंक समेत कई बैंकों ने ग्राहकों को पहले की सूचित कर दिया था कि हड़ताल के कारण काम-काज कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है। इस हड़ताल के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकद निकासी, जमा, रिण अदायगी और चेक समाशोधन समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुईं। सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया गया है। यूनियन का दावा है कि सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के करीब 10 लाख कर्मी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं।
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आईबीए की पेशकश के बाद भी हड़ताल जारी श्रमिक संगठनों के अनुसार बातचीत के दौरान आईबीए ने पेशकश सुधारते हुए वेतन में 13.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया लेकिन यह हमें स्वीकार नहीं है। हालांकि आईबीए ने एक बयान में कहा कि हमने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन समेत संशोधित पेशकश में 19 प्रतिशत तक वृद्धि की पेशकश की लेकिन इसके बावजूद यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया।
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