Monday, Mar 20, 2023
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Budget 2021: राहुल गांधी का मोदी सरकार पर निशाना, कहा- MSME सेक्टर के साथ हुआ धोखा

  • Updated on 2/4/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बीते सोमवार को देश का आम बजट पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने साल 2021-22 के आम बजट (Union Budget 2021) को देश के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देने वाला बताया। बजट पेश हुए तीन दिन हो गए हैं लेकिन कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार इस बजट को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। इस बार उन्होंने कहा कि भारत के सबसे बड़े कार्यबल के नियोक्ताओं ने देश के लोगों के साथ विश्वासघात किया है।

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बजट को लेकर राहुल का हमला
सरकार के आम बजट को लेकर मोदी की क्रोनी को समझाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'मोदी क क्रोनी केंद्रित बजट का मतलब है- संघर्षरत एमएसएमई ने कोई कम ब्याज ऋण नहीं दिया, कोई जीएसटी राहत नहीं दी। भारत के सबसे बड़े कार्यबल के नियोक्ताओं ने विश्वासघात किया।'

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कांग्रेस नेता का सरकार पर हमला
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 70 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के धरना स्थल के इर्दगिर्द तारबाड़ करने, नुकीली कीलें बिछाने और सीमेंटेड दीवारें खड़ी किए जाने को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने आरोप लगाया कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है और भाजपा-आरएसएस ने देश की साख को ध्वस्त कर दिया है। कांग्रेस नेता ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए सवाल किया कि सरकार किलेबंदी क्यों कर रही है? क्या वह किसानों से डरते है? क्या किसान दुश्मन हैं?

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अंत में सरकार को ही जाना होगा- राहुल
उन्होंने कहा कि किसान देश की ताकत है। इनको मारना, धमकाना सरकार का काम नहीं है। बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने कहा कि सरकार का काम बातचीत करना और समस्या का समाधान निकालना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि प्रस्ताव बरकरार है कि कानूनों के क्रियान्वयन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया जाए। मेरा मानना है कि इस समस्या का समाधान जल्द करना जरूरी है। किसान पीछे नहीं हटेंगे। अंत में सरकार को पीछे हटना होगा। इसी में सबका भला है कि सरकार आज ही पीछे हट जाए और तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।

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देश की रीढ़ को तोड़ने में लगी मोदी सरकार
एक सवाल पर राहुल ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी की, जीएसटी लागू की, कृषि पर भी जीएसटी लगाया और देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। इसके बाद कोरोना आ गया, जिससे बची खुची अर्थव्यवस्था और बर्बाद हो गई। छोटे-मझोले व्यवसायों पर चोट पड़ी। एक ब्राईट स्पॉट कृषि था। कोरोना काल में भी काम करके किसानों ने इस देश को बचाया और आज सरकार उन्हीं को खत्म करने पर तुली हुई है। राहुल ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और सरकार इसी रीढ़ को तोड़ने पर आमादा है। भाजपा समर्थितों द्वारा आंदोलनरत किसानों को आतंकवादी कहे जाने को लेकर किए गए सवाल पर राहुल ने कहा कि इसका मतलब तो यही हुआ कि इस देश में खेती करने वाली 60 प्रतिशत आबादी आतंकवादी हैं।

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