नई दिल्ली/टीम डिजिटल। असम के दो दिवसीय दौरे पर यहां आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का हिंदू-मुसलमान विभाजन से कोई लेना- देना नहीं है और कुछ लोग अपने राजनीतिक हित साधने के लिए इन दोनों मामलों को साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस नागरिकता कानून के कारण किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा। भागवत ने ‘सिटिजनशिप डिबेट ओवर एनआरसी एंड सीएए- असम एंड द पॉलिटिक्स ऑफ हिस्ट्री’ (एनआरसी और सीसीएए- असम पर नागरिकता को लेकर बहस और इतिहास की राजनीति) शीर्षक वाली पुस्तक के विमोचन के बाद कहा, ‘स्वतंत्रता के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि अल्पसंख्यकों का ध्यान रखा जाएगा और अब तक ऐसा ही किया गया है। हम ऐसा करना जारी रखेंगे। सीएए के कारण किसी मुसलमान को कोई नुकसान नहीं होगा।’
CAA & NRC haven't been formed against any citizen of India. Indian Muslims will face no loss due to CAA. After partition, assurance was given that we'll take care of minorities of our country. We're abiding by that till today, Pakistan didn't: RSS Chief Mohan Bhagwat, in Guwahati pic.twitter.com/hla2iap3gK — ANI (@ANI) July 21, 2021
CAA & NRC haven't been formed against any citizen of India. Indian Muslims will face no loss due to CAA. After partition, assurance was given that we'll take care of minorities of our country. We're abiding by that till today, Pakistan didn't: RSS Chief Mohan Bhagwat, in Guwahati pic.twitter.com/hla2iap3gK
भागवत ने रेखांकित किया कि नागरिकता कानून पड़ोसी देशों में उत्पीड़ित हुए अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, ‘हम आपदा के समय इन देशों में बहुसंख्यक समुदायों की भी मदद करते हैं.... इसलिए अगर कुछ ऐसे लोग हैं, जो खतरों और भय के कारण हमारे देश में आना चाहते हैं, तो हमें निश्चित रूप से उनकी मदद करनी होगी।’
उन्होंने एनआरसी के बारे में कहा कि सभी देशों को यह जानने का अधिकार है कि उनके नागरिक कौन हैं। उन्होंने कहा, ‘यह मामला राजनीतिक क्षेत्र में है क्योंकि इसमें सरकार शामिल है... लोगों का एक वर्ग इन दोनों मामलों को सांप्रदायिक रूप देकर राजनीतिक हित साधना चाहता है।’
We don't need to learn secularism, socialism, democracy from the world. This is in our traditions, in our blood. Our country has implemented these and kept them alive: RSS Chief Mohan Bhagwat, in Guwahati, Assam pic.twitter.com/byWzP4IRod — ANI (@ANI) July 21, 2021
We don't need to learn secularism, socialism, democracy from the world. This is in our traditions, in our blood. Our country has implemented these and kept them alive: RSS Chief Mohan Bhagwat, in Guwahati, Assam pic.twitter.com/byWzP4IRod
इसके पहले, असम के विभिन्न क्षेत्रों और अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं त्रिपुरा जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मोहन भागवत ने बैठकें की। इसमें RSS से जुड़े विषयों एवं महामारी के दौर में समाज और लोगों के कल्याण के उपायों पर चर्चा हुई। असम में दूसरे कार्यकाल के लिए भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद भागवत की राज्य की यह पहली यात्रा है। भागवत गुरुवार को चेन्नई रवाना हो जाएंगे।
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