नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। शाहीन बाग में सीएए, एनपीआर (NPR) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ 82वें दिन शांति पूर्वक प्रदर्शन चलता रहा। प्रदर्शनकारियों का हौसला भले ही बुलंद हो लेकिन विरोध जताने के लिए प्रतिदिन घर छोड़कर प्रदर्शनस्थल आने में उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शाहबानो का कहना है कि मेरी बेटी की दसवीं की परीक्षा चल रही है लेकिन मैं अपने और अपने बच्चों के हक के लिए यहां प्रतिदिन आती हूं।
डर यह है कि अभी बेटी की परीक्षा देखूंगी तो कल रहने के लिए घर भी नहीं रहेगा। ऐसा न हो कि आज घर में बैठ जाऊं तो कल कहीं डिटेंशन सेंटर में न रहना पड़े। इसलिए यहां आकर अपना विरोध जता रही हूं। सबलोग आकर एक ही सवाल पूछते हैं कि आपलोगों की प्रदर्शन की वजह से रोड बंद है लेकिन जब हमलोग रोड खोल देंगे तो हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा। हमलोगों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वार्ताकारों के सामने भी अपनी मांग रखी है हमारी मांग मान ली जाती है तो सड़के खोल देंगे।
शाहीन बाग: लगातार जारी है शांतिपूर्ण प्रदर्शन, होली और ईद यहीं मनाएंगे प्रदर्शनकारी
लोगों ने अपनी जानें गवा दीं। ऐसे में कैसे भरोसा कर लें कि एक तरफ की रोड खोलने के बाद लोग हम पर हमला नहीं होगा। शाहीन बाग में ही शांति पूर्वक प्रदर्शन चल रहा है। कहीं यह साजिश का हिस्सा न बन जाए, इसलिए सड़क हमलोग नहीं खोलेंगे। दिन-रात सड़कों पर बैठे हैं किसी दिन तो यह मेहनत रंग लाएगी ही। वहीं कुछ महिलाओं का कहना है कि बच्चों की परीक्षा होने की वजह से प्रदर्शनस्थल पर कम भीड़ है।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ नारा लोग सीएए (CAA) और एनआरसी के खिलाफ नारा लगा रहे हैं। सरवरी दादी का कहना है कि हम लोगों ने वार्ताकारों के समक्ष अपनी पूरी बात रख दी, कोर्ट जबतक हमारी शर्तों को नहीं मानेगी तब तक हमलोग ऐसे ही बैठे रहेंगे। वहीं दिल्ली (Delhi) में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि दंगाइयों का कोई धर्म नहीं होता है। हम हिंसा का विरोध करते हैं और यहां पर हम शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। प्रदर्शनस्थल पर हमलोग खुद ही अपनी सुरक्षा कर रहे हैं।
रोड खोलने पर नहीं बन रही एक राय रोड खोलने को लेकर लोगों में एक राय नहीं बन रही है। मंगलवार देर रात वार्ताकारों के जाने के बाद लोगों ने आपस में रोड खोलने को लेकर बैठक की, लेकिन प्रदर्शनकारियों में एक सहमति नहीं बन रही है। एक वर्ग वहां से हटना चाहता है जबकि दूसरे वर्ग का कहना है कि यहां से हटकर दूसरे जगह प्रदर्शन अगर करते हैं तो हम कितना सुरक्षित हैं। यह कौन सुनिश्चित करेगा। यहां तो रास्ते बंद होने की वजह से आराजक तत्वों को पहुचंने में समय लग रहा है।
शेखर कपूर ला रहे हैं कल्ट क्लासिक फिल्म Masoom का सीक्वल
करिश्मा-करीना से लेकर शमिता-शिल्पा तक, बॉलीवुड की ये Sister Jodis...
Apple Vision Pro के धांसू फीचर्स उड़ा देगा आपके होश, अब आंखों के...
शानदार फीचर्स के साथ Honda ने पेश की नई मिड साइज SUV Elevate, यहां...
ऑपरेशन ब्लूस्टार के 39 साल पूरे होने पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान...
Swara bhasker Pregnant: मां बनेने वाली हैं स्वरा भास्कर, पति संग शेयर...
Birth Anniversary: पिता के निधन के बाद इस उम्र में ही बस कंडक्टर की...
ट्रेन हादसे से प्रभावित परिवारों को मुफ्त राशन, नौकरी देगा रिलायंस...
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ावा दें: स्वदेशी...
बार रेस्टोरेंट में चल रहा था अश्लील डांस, रिकॉर्ड किया तो पुलिस वालों...