नई दिल्ली/पुष्पेंद्र मिश्र। देश में हर साल तकरीबन 14 लाख नए कैंसर मामलों का पता चलता है। इनमें से 80 फीसद मरीजों को उनके तीसरे या चौथे स्टेज में कैंसर का पता चलता है। इसमें 20 फीसद मरीज ही बच पाते हैं। अगर यही जानकारी उन्हें कैंसर होने से पहले या कैंसर की पहली स्टेज पर मिल जाए तो कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु दर में तकरीबन 90 फीसद कमी लाई जा सकती है। दिल्ली की इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीकि खोज ली है। जिससे कैंसर होने वाला है ये पहले ही पता चल जाएगा।
ढाई घंटे में आएगी जांच रिपोर्ट इससे न सिर्फ कैंसर को गंभीर होने से रोका जा सकेगा बल्कि कई जिंदगियों को कैंसर होने से पहले ही बचाया जा सकेगा। साथ ही पहले यह जांच 7-14 दिन में रिपोर्ट देती थी लेकिन इस तकनीकि के जरिए सिर्फ ढाई घंटे में रिपोर्ट आ जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच की प्रति व्यक्ति लागत पर काम किया जा रहा है। यह बाजार की मौजूदा जांच से कई गुना कम करीब 10 हजार से कम रखी जा सकती है। शरीर में 11 तरह के जीन होते हैं जो किसी भी तरह के कैंसर की वजह के तौर पर देखे जा रहे हैं।
जांच के लिए केवल 6 एमएल खून की ही होगी आवश्यकता आईआईआईटी में हुए शोध की तकनीक में सिर्फ 6 एमएल खून से ही मिथाइलेशन के जरिए सीटी डीएनए और सर्कुलेटिंग ट्यूमर सेल्स का पता लगाया जा सकता है, जबकि पहले किसी मरीज में कैंसर जांचने के लिए करीब 15 एमएल खून की जरूरत पड़ती थी तब जाकर कैंसर का पता चलता था।
समाधान के लिए संस्थागत सहयोग जरूरी है: प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़
‘राहगीरी' के लिए कनॉट प्लेस की सड़क बंद करने से व्यापारियों में रोष,...
राहुल गांधी ने पूछा - जातिगत जनगणना से डरते क्यों हैं प्रधानमंत्री...
नर्मदा नदी में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए गुजरात सरकार का राहत...
देश में एक चुनाव कराने के विषय पर हाई लेवल कमेटी की पहली बैठक
दानिश अली के अशोभनीय आचरण की भी जांच की जाए : भाजपा सांसद निशिकांत...
हिमंत की पत्नी ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ किया मानहानि का...
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED के समन को झारखंड हाई कोर्ट में दी...
PM मोदी ने वाराणसी में किया अंतररष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास
पुलिस की लचर जांच से निराश सुप्रीम कोर्ट ने की जांच संहिता की हिमायत