Saturday, Mar 25, 2023
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रूस की वैक्सीन पर भारतीय संस्था ने उठाए सवाल, कहा- नहीं हुए उचित परीक्षण

  • Updated on 8/12/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक राहत भरी खबर का ऐलान किया है। पुतिन ने कहा कि हमने कोरोना की वैक्सीन बना ली है। इसके साथ ही उन्होंने इस वैक्सीन का पहला टीका अपनी बेटी को दिया है। इस वैक्सीन के ऐलान के बाद जहां पूरे विश्व ने राहत भरी सांस ली है। वहीं हैरदारबाद की सीएसआईआर- कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के एक शीर्ष अधिकारी ने इस वैक्सीन पर सवाल उठाए हैं।

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वैक्सीन के असरदार होने पर उठाए सवाल
सीसीएमबी के एक अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित किए गए रूस के टीके संबंधी पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं होने के कारण इस टीके के असरदार होने और इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होने के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।

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सीसीएमबी के निदेशक ने कहा ये
सीसीएमबी के निदेशक राकेश के मिश्रा ने कहा कि यदि लोग भाग्यशाली रहे तो रूस का टीका असरदार साबित होगा।मिश्रा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की थी कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है और एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है।इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया था कि उनकी एक बेटी को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है।

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नहीं हुए उचित परीक्षण
मिश्रा ने कहा कि टीके के असरदार होने और उसके इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होने के बारे में अब भी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने उचित परीक्षण नहीं किए, जो तीसरे चरण में किए जाते है। इसी चरण में आपको टीके के असरदार होने के बारे में पता चलता है। इस चरण में बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाया जाता है और दो महीने इंतजार किया जाता है और पता लगाया जाता है कि वे संक्रमित हैं या नहीं। मिश्रा ने कहा कि ऐसा लगता नहीं कि उन्होंने यह (किया है, क्योंकि यदि आपने ऐसा किया है, तो हमें डेटा दिखाइए।) आप इसे गोपनीय नहीं रख सकते।

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यह सुरक्षित नहीं है
उन्होंने कहा कि टीके को लोगों तक पहुंचाने से पहले उसका सावधानी से आकलन किया जाना चाहिए और कोई देश या कंपनी टीके के संबंध में डेटा जारी नहीं कर रही है, तो यह गलत बात है। मिश्रा ने कहा कि यह सुरक्षित नहीं है... पहले, दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण से गुजरने से पहले टीका उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए।

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