नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कथित पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर वह विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती। केन्द्र के इस रुख को देखते हुए न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे पर वह अंतरिम आदेश देगा। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यदि सरकार इस मामले में विस्तृत हलफनामा दायर करने के बारे में फिर से विचार करती है तो वह मामले का उल्लेख न्यायालय के समक्ष कर सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मेहता से कहा, ‘हम आदेश सुरक्षित रख रहे हैं। अंतरिम आदेश दिया जाएगा जिसमें दो से तीन दिन का वक्त लगेगा। यदि आप इस बारे में पुन: विचार करते हैं तो मामले का उल्लेख हमारे समक्ष कर सकते हैं।’ पीठ ने कहा, ‘‘आप (मेहता) बार- बार कह रहे हैं कि सरकार हलफनामा दायर नहीं करना चाहती। हम भी नहीं चाहते कि सुरक्षा संबंधी कोई मुद्दे हमारे समक्ष रखे जाएं। आपने कहा कि एक समिति बनाई जाएगी और रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। हमें तो पूरे मुद्दे को देखना है और अंतरिम आदेश देना है।’
केंद्र ने पीठ से कहा कि वह विस्तृत हलफनामा दायर नहीं करना चाहता। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि सरकार ने किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है या नहीं, यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित जानकारी को हलफनामे का हिस्सा बनाना राष्ट्रहित में नहीं होगा। मेहता ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और यही वजह है कि उसने अपनी ओर से कहा कि आरोपों की जांच के लिए वह क्षेत्र के विशेषज्ञों की समिति का गठन करेगा।
इस पर, पीठ ने मेहता से कहा कि यह पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि वह नहीं चाहते कि सरकार ऐसी कोई भी जानकारी का खुलासा करे जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ती हो। उच्चतम न्यायालय ने सात सितंबर को देश में कुछ विशिष्ट लोगों की इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित रूप से जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय प्रदान किया था और कहा था कि इस मामले में न्यायालय अब 13 सितंबर को सुनवाई करेगा।
तब, केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि कुछ कठिनाइयों के कारण वह दूसरा हलफनामा दायर करने के संबंध में फैसले को लेकर संबंधित अधिकारियों से नहीं मिल सके और उन्होंने मामले को बृहस्पतिवार या सोमवार को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था।
केंद्र ने, इससे पहले, शीर्ष अदालत में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर किया था और कहा था कि पेगासस जासूसी अरोपों में स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली याचिकाएं ‘अनुमानों या अन्य अप्रमाणित मीडिया रिपोर्टों या अधूरी या अपुष्ट सामग्री’ पर आधारित हैं। केंद्र ने कहा था कि इस संबंध में संसद में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। केंद्र ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थों के तहत फैलाई गई किसी भी गलत धारणा को दूर करने और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के लिए सरकार विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में 17 अगस्त को केन्द्र को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह नही चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित किसी जानकारी का खुलासा करे। न्यायालय ने केन्द्र से सवाल किया था कि इस मुद्दे पर अगर सक्षम प्राधिकारी उसके समक्ष हलफनामा दाखिल करते हैं तो इसमें क्या समस्या है।
इस पर मेहता ने कहा था, ‘हमारा सुविचारित जवाब वही है जो हमने अपने पिछले हलफनामे में कहा था। कृपया इस विषय को हमारे नजरिये से देखें क्योंकि हमारा हलफनामा पर्याप्त है। भारत सरकार देश की सर्वोच्च अदालत के सामने है।’ मेहता ने यह भी कहा था कि अगर किसी भी देश की सरकार इस्तेमाल किये गये या इस्तेमाल नहीं किये गए साफ्टवेयर के बारे में जानकारी सार्वजनिक करती है तो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पहले से ही इसके उपाय कर सकते हैं।
ये याचिकाएं, सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की इजराइल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी की खबरों से संबंधित है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने कहा था कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 300 से अधिक भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया था।
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
नीतीश कुमार की ओर से बुलायी गई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे...
पहलवान विनेश फोगाट का सवाल- डर और दहशत के इस माहौल में क्या बेटियों...
ChatGPT के CEO ऑल्टमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात
संजीव जीवा हत्याकांड: अदालत में सुरक्षा संबंधी चूक पर ध्यान केंद्रित...
इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन : केजरीवाल के भाषण में लगे...
मोदी सरकार द्वारा घोषित MSP किसानों के लिए नुकसानदायक: ऑल इंडिया...
CBI ने विमानन सलाहकार दीपक तलवार के खिलाफ दायर किया पूरक आरोपपत्र
आईजीआई एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा के लिए अब स्मार्टफोन की जरूरत नहीं
शख्स ने फोन पर कहा सीआईएसएफ मेरे बैग में रखे बम का नहीं लगा सकी पता
राजस्थान में चुनावी हलचल के बीच RSS प्रमुख भागवत पहुंचे उदयपुर