नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिहार में फैले जानलेवा चमकी बुखार से 154 बच्चों की मौत हो चुकी है। आए दिन बीमारी से मरने वाले बच्चे बढ़ते जा रहे हैं, वहीं बीमारी अब बिहार के काफी जिलों में फैल चुकी है। हर दिन अलग-अलग क्षेत्रों से नए मामले सामने आ रहे हैं।
अब खौफ इतना फैल गया है कि लोग अपना गांव छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि मां-बाप के मन में खौफ है कि कहीं उनके बच्चे भी इसी बीमारी का शिकार न हो जाएं।
वहीं मुजफ्फरपुर निवासी मोहम्मद नसीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, अश्विनी कुमार चौबे व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक स्थानीय अदालत में शिकायत दर्ज करवाई है। मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की अदालत में मामले की सुनवाई 25 जून को होगी।
विपक्ष के नेता भी बुखार के प्रति सक्रिय नहीं बिहार में चमकी बुखार से मौत की खबरों के बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की इस मामले में सक्रियता नहीं दिख पाई है। जब राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह से तेजस्वी यादव को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, हो सकता है कि वह वल्र्ड कप का मैच देखने गए हों। वहीं तेजस्वी ने आखिरी ट्वीट 11 जून को अपने पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बर्थडे विश देते हुए किया है।
एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या हुई 115 बिहार में एक्यूट इन्सैफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 115 हो गई है। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने बताया कि बुधवार को पांच और बच्चों की मौत हो गई। इन पांच बच्चों को मिला कर उनके अस्पताल में मरने वाले बच्चों की संख्या अब 95 हो गई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को 22 और बीमार बच्चों को भर्ती कराया गया।
अब तक उनके अस्पताल में एईएस के कारण भर्ती कराए गए कुल बच्चों की संख्या 372 हो गई है। स्वास्थ्य लाभ के बाद 118 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। वहीं निजी केजरीवाल अस्पताल में मंगलवार की रात से एईएस पीड़ित दो और बच्चे भर्ती कराए गए। बीते 24 घंटे में इस अस्पताल में एईएस से किसी भी बच्चे की मौत होने की खबर नहीं है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि दरभंगा, सुपौल और मधुबनी के कुल 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती मुजफ्फरपुर में की गई है। इसके अलावा अन्य जिलों में तैनात तीन बाल रोग विशेषज्ञों और 12 नर्सों को मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
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