नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत (INDIA) के महत्वाकांक्षी दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ (Chandrayaan-2) को रविवार देर रात लांचिंग(Launching) से थोड़ा पहले ही रोक देना पड़ा। इसरो ने ट्वीट किया,-‘लांचिंग से 56 मिनट पहले प्रक्षेपण यान प्रणाली (launch vehicle system में तकनीकी दिक्कत (Technical Fault) पाई गई। एहतियातन लांचिंग को आज के लिए रोक दिया गया है।’ इसरो ने कहा कि लांच विंडो के अंदर प्रक्षेपण संभव नहीं। प्रक्षेपण के अगले कार्यक्रम की घोषणा बाद में की जाएगी। जीएसएलवी-एमके तृतीय-एम1/चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती रविवार सुबह छह बजकर 51 मिनट पर शुरू की गई थी। तय कार्यक्रम के अनुसार देर रात दो बजकर 51 मिनट पर इसे उड़ान भरना था।
अभी करना पड़ेगा और इंतजार हिज्र की शब (जुदाई की रात) अब खत्म होने ही वाली थी और शब-ए-विसाल (मिलन की रात) आने वाली ही थी। शायर परवीन शाकिर की ये पंक्ति ‘हिज्र की शब और ऐसा चांद’ को बदलकर ‘शब-ए-विसाल और ऐसा चांद’ गुनगुनाने के लिए लोग तैयार थे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के वैज्ञानिक चांद से इस मिलन को साकार करने में जुटे थे। रात में जब देश के ज्यादातर लोग सो रहे थे, इसरो के वैज्ञानिक जगे हुए थे। रात के ठीक 2:51 बजे चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होनी थी, लेकिन 56 मिनट 24 सेकंड पहले अचानक आई तकनीकी समस्या के कारण लॉन्चिंग को रोक दिया गया। अब लॉन्चिंग की तारीख का ऐलान बाद में किया जाएगा। अगर यह प्रक्षेपण हो जाता तो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बनता। दक्षिणी ध्रुव पर काफी गड्ढे (क्रेट्र्स) हैं। चांद पर उतरने के अब तक कुल 38 प्रयास हुए हैं और सफलता की दर 52 फीसदी है। अब तक ज्यादातर लैंङ्क्षडग भूमध्य रेखा क्षेत्र के आसपास हुई है।
A technical snag was observed in launch vehicle system at 1 hour before the launch. As a measure of abundant precaution, #Chandrayaan2 launch has been called off for today. Revised launch date will be announced later. — ISRO (@isro) July 14, 2019
A technical snag was observed in launch vehicle system at 1 hour before the launch. As a measure of abundant precaution, #Chandrayaan2 launch has been called off for today. Revised launch date will be announced later.
चंद्रयान अभियान के लाभ
चांद पर छोड़ेगा अशोकचक्र और इसरो की पहचान चंद्रयान-दो अभियान चांद की सतह पर अशोक चक्र और इसरो की प्रतीक छाप भी छोड़ेगा। इसरो के मुताबिक चांद पर भेजे जा रहे रोवोर प्रज्ञान के एक पहिए पर अशोक चक्र और दूसरे पर इसरो का प्रतीक बना हुआ है। जब यह चांद पर चलेगा तो चांद की सतह पर ये प्रतीक छप जाएंगे।
ऐसे चली तैयारी
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