नई दिल्ली/प्रियंका। कोरोना से जूझते हालातों के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए नए डोमिसाइल नियमों का ऐलान किया है। इस नियम के अनुसार अब जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहने वाला व्यक्ति ही वहां का निवासी कहला सकता है।
नोटिफिकेशन हुआ जारी सरकार की ओर से जारी इस गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 में सेक्शन 3A जोड़ा गया है। इसके तहत राज्य/यूटी के निवासी होने की परिभाषा तय की गई है। जिस भी शख्स ने जम्मू-कश्मीर में 15 साल बिताए हैं या जिसने यहां 7 साल तक पढ़ाई की और 10वीं-12वीं की परीक्षा यहीं के किसी स्थानीय संस्थान से दी है, वो व्यक्ति यहां का निवासी माना जाएगा/होगा।
Big. Govt issues notification announcing that jobs will be reserved for domiciles of Jammu & Kashmir. Gazette of India order defines domiciles, for its application as: Anyone who has resided for 15 yrs in J&K or has studied for 7 yrs and appeared in Class 10/12 exam in J&K etc. pic.twitter.com/aOyGxIw2LR — Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 1, 2020
Big. Govt issues notification announcing that jobs will be reserved for domiciles of Jammu & Kashmir. Gazette of India order defines domiciles, for its application as: Anyone who has resided for 15 yrs in J&K or has studied for 7 yrs and appeared in Class 10/12 exam in J&K etc. pic.twitter.com/aOyGxIw2LR
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आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त से पहले संविधान की धारा 35A के तहत तय होता था कि कौन व्यक्ति राज्य का निवासी है और कौन नहीं। इसी के साथ नौकरी और संपत्ति को लेकर स्वामित्व का निर्णय भी इसी धारा के तहत होता था। लेकिन केंद्र सरकार ने द्वारा 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और धारा 35A को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्ज छीन गया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशो में बांट दिया था।
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आर्टिकल 370 हटने के बाद वहीँ आर्टिकल 370 हटने के बाद, नई परिभाषा के तहत राज्य के निवासियों में वे लोग भी शामिल होंगे, “जो जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के अफसर, पब्लिक सेक्टर यूनियन यानी केंद्र सरकार या स्वायत्त संस्थान से जुड़ी कंपनियों के अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, केंद्रीय यूनिवर्सिटी के अधिकारी और केंद्र सरकार के रिसर्च इंस्टीट्यूट में 10 साल सेवा देने वाले सभी निवासी कहलायेंगे। इसके साथ ही, अगर इन नियमों को पूरा करने लोगों के बच्चे भी हैं तो वो भी इन्ही नियमों के तहत जम्मू-कश्मीर के निवासियों की श्रेणी में रखे जाएंगे।
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ये भी होंगे निवासी इन लोगों के अलावा जम्मू-कश्मीर के निवासियों में उन लोगों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्हें राहत और पुनर्वास आयुक्त ने राज्य में शरणार्थी या अप्रवासी का दर्जा दिया होगा/है। नए नियम/कानून के तहत अब तहसीलदार डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए योग्य अधिकारी होगा। जबकि इससे पहले राज्य सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन के जरिए चिन्हित/घोषित डिप्टी कमिश्नर ही यह जिम्मेदारी संभालते थे। बता दें, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य से जुड़े 29 कानूनों को निरस्त कर दिया गया है। जबकि 109 कानूनों में नए संशोधन किए गए हैं।
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इन लोगों को मिलेगा इंसाफ कश्मीर नाउ के अनुसार, की माने तो अनुच्छेद 35A के कारण बीते 63 साल से जम्मू कश्मीर में रह रहे सफाई कर्मचारियों और उनके परिवारों को वहां का निवासी नहीं माना जाता था। लेकिन आजादी के 73 साल बाद जारी हुए इस नए डोमिसाइल नियम के बाद इन सभी लोगों को इंसाफ मिल सकेगा।
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कैसे हैं ताजा हालात कोरोना का प्रकोप कश्मीर पर भी छाया हुआ है. जम्मू-कश्मीर में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है, जिनमें से 41 का कश्मीर घाटी में और 14 का जम्मू के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मंगलवार को यहां 6 नए मामले सामने आए थे। इसके बारे में सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, “आज कश्मीर संभाग में 6 नए पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है। ये सभी पॉजिटिव आए लोग मरीजों के संपर्क में थे। इस बीच, जम्मू और कश्मीर दोनों डिवीजनों में संपर्कों की ट्रेसिंग जारी है।”
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