नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को फिरोजपुर न पहुंचने देने के बाद से पंजाब की कांग्रेस सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है। भाजपा में इस मसले को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। पंजाब भाजपा ने जहां राज्यपाल से मुलाकात कर गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और डी.जी.पी. को बर्खास्त करने की मांग की है, वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने इस घटना के पीछे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय साजिश होने की बात कही है। इस समूचे घटनाक्रम पर तरुण चुघ के साथ खास बातचीत की पंजाब केसरी के हरिश्चंद्र ने। बातचीत के प्रमुख अंश:-
प्रधानमंत्री पंजाब आने के बावजूद न पी.जी.आई. सैटेलाइट सैंटर का शिलान्यास कर पाए और न ही पार्टी की जनसभा। उन्हें इस तरह बीच रास्ते रोके रखने की घटना पर क्या कहेंगे? बेहद शर्मनाक है पी.एम. को रोकने की घटना, आखिर किसके हाथों में खेल रही है पंजाब सरकार? मतलब हम आई.एस.आई. का एजैंडा पंजाब में लागू कर रहे हैं। इमरान खान के यार नवजोत सिंह सिद्धू की सरकार है पंजाब में और वह यहां आई.एस.आई. का एजैंडा लागू कर रही है। देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ धोखा करना, अपने आपमें देशद्रोह है।
क्या आपको लगता है कि यह सब जानबूझ कर किया गया या यह लापरवाही से हुआ? यह लापरवाही जानबूझ कर की गई है। यह एक षड्यंत्र है और इसमें कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच होनी चाहिए। कौन सी काली भेड़ें हैं और यह ऐसा मंत्रिमंडल है जिसके कई सदस्यों पर आरोप लगते हैं कि वह सिख्स फार जस्टिस के नेताओं से मिलने जाते हैं, वह संगठन जो आज इस घटना पर प्रैस नोट जारी करता है।
इंटरपोल से पता चलता है कि सिख्स फार जस्टिस पंजाब में भाजपा की रैलियों को डिस्टर्ब करना चाहता है। पंजाब पहले ही रैड अलर्ट पर है, इन सभी बातों को यदि ध्यान से देखा जाए और जोड़ा जाए तो समझ आता है कि बहुत बड़ी नालायकी जानबूझ कर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में की गई।
इस घटना के लिए किस पर और कैसी कार्रवाई होनी चाहिए? इस पूरी घटना की बारीकी से जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए। दोषी लोगों पर कार्रवाई हो। आप एस.एस.पी. को सस्पैंड करोगे, जबकि सस्पैंड वो होना चाहिए था जो आर्डर जारी कर रहा था। रूट किसने दिया, मुख्यमंत्री चन्नी फोन पर क्यों नहीं आए, इतने सवाल हैं जिनका जवाब नहीं इनके पास। रूट से 10 किलोमीटर आगे तक ट्रैफिक डायवर्ट किया जाता है लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया। क्यों लोगों को लाकर वहां बिठाया गया।
इसकी जांच होनी चाहिए कि पुलिस से कौन जानकारियां लीक करा कर प्रदर्शनकारियों को दिला रहा था। इसके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। यह सुरजीत सिंह फूल ने बोला है जो बी.के.यू. का नेता है। उसने कहा कि हमें तो धरना लगाने के लिए पुलिस ने जानकारी दी कि यहां आ रहे हैं प्रधानमंत्री, हम तो हैलीपैड के पास बैठे थे। सवाल तो यह है कि वह हैलीपैड के पास भी कैसे बैठे थे, किसने जाने दिया हैलीपैड के पास?
इस घटना के बाद पंजाब में कानून-व्यवस्था के हालात बारे क्या कहेंगे? प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध हुई और सेंध लगवाने वाले खुद सत्ता में बैठे हैं। कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई हैं। पहले भी कई राज्यों में सरकारें किसी की और केंद्र में किसी अन्य दल की सरकार होती थी लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ।
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ करना विदेशी ताकतों को ताकत देना है। प्रधानमंत्री के मुंह से इन शब्दों का निकलना कि धन्यवाद देना अपने मुख्यमंत्री को कि मैं जिंदा वापस आ गया, यह पंजाब के पुलिस- प्रशासन के सिस्टम के मुंह पर तमाचा है। इन चंद शब्दों में उन्होंने हमारे सिस्टम की नाकामी बता दी।
आप किसे इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हैं? पंजाब सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। पंजाब पुलिस बिना अपने राजनीतिक आकाओं के कुछ भी काम करती है क्या? और राजनीतिक आका कौन हैं? कौन लाया डी.जी.पी. को, क्यों लाया डी.जी.पी. को। नरेंद्र मोदी एक तो प्रधानमंत्री हैं, दूसरे वह ऐसे नेता हैं जो दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ लडऩे वाले नायक के रूप में उभरे हैं। हमने नीतियां बदली हैं, पहले सफेद झंडा दिखाते थे, अब हम कहते हैं कि अंदर घुसकर मारेंगे।
हम तो अंदर घुस के मार रहे हैं लेकिन यहां अंदर बैठे हुए यह लोग क्या कर रहे हैं। ज्यादा दिन नहीं हुए नवजोत सिंह सिद्धू की पाकिस्तान के जनरल बाजवा के साथ जफ्फी डालने की फोटो आए हुए। उसी बाजवा की कठपुतली है इमरान खान और इमरान खान का दोस्त कौन है? इमरान खान के दोस्त की यहां पंजाब में सरकार चल रही है, उसी का लगाया हुआ डी.जी.पी. और चीफ सैक्रेटरी है।
आपको इसके पीछे राजनीतिक साजिश लगती है? यह राजनीतिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी साजिश है। इस साजिश में देश के प्रधानमंत्री को दांव पर लगाया गया। कल का षड्यंत्र कोई छोटा षड्यंत्र नहीं है, यह अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र है। सिख्स फार जस्टिस का आज आया वीडियो देखें। क्या पंजाब सरकार, पंजाब का पूरा सिस्टम उनके हाथों पंगु बन गया?
पंजाब की बहादुर पुलिस, जिसने आतंकवाद का मुकाबला किया, उस बहादुर पुलिस को कांग्रेसियों ने ऐसा अपने हाथ का खिलौना बना दिया कि आज उसे काम ही नहीं करने दिया। पुलिस को दिशाहीन कर दिया। जो भी इस साजिश में शामिल हैं, उन सभी पर देशद्रोह का पर्चा होना चाहिए।
इससे देश के प्रधानमंत्री की जान को खतरा हुआ, इस घटना से यदि कोई दुर्घटना होती तो कितना बड़ा भूचाल देश में आता, देश की कितनी हानि होती। इन लोगों को देश कभी माफ नहीं करेगा कि जहां 10 किलोमीटर पर बार्डर है, वहां आप प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ धोखा कर दो।
मगर पंजाब सरकार का कहना है कि सुरक्षा केंद्र की एजैंसियों के हाथ थी और उन्हें आखिरी समय पर बताया गया कि पी.एम. सड़क मार्ग से जाएंगे? यह कह रहे कि इन्हें बहुत कम समय पर बताया गया। प्रधानमंत्री के आने से पहले वैकल्पिक रूट बनाए जाते हैं। कल उस पर ट्रायल हुआ था या नहीं, क्यों किया ट्रायल यदि यह रूट ही नहीं था। ट्रायल किया तो उसे सुरक्षित क्यों नहीं किया। सिक्योरिटी की गाडिय़ों ने कल इस रूट की जांच की। फिर यहां विश्वासघात क्यों किया गया, यह देश के साथ विश्वासघात है, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ विश्वासघात है, जो बेहद घातक है।
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