Friday, Jun 02, 2023
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Child labor will be heavy, establishments-shops will be raided, special teams formed for action

बाल श्रम पड़ेगा भारी, प्रतिष्ठानों-दुकानों पर होगी छापेमारी, कार्रवाई के लिए विशेष टीमें गठित

  • Updated on 5/30/2022

नई दिल्ली/टीम डिजीटल। बाल श्रम रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार की गई है। होटल, रेस्टारेंट, परचून की दुकान व ईंट भट्टे इत्यादि स्थानों पर बाल श्रमिकों की सेवाएं लेना भारी पड़ेगा। रंगे-हाथों पकड़े जाने पर सेवायोजक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके मद्देनजर 3 विशेष टीमें गठित की गई हैं। प्रत्येक टीम में 7 सदस्य हैं। 

मुक्त कराए जाएंगे बाल श्रमिक
एक जून से यह टीमें फील्ड में उतर कर छापामार अभियान शुरू करेंगी। पूरे माह यह अभियान चलेगा। जनपद गाजियाबाद में बाल श्रम की रोकथाम का खाका तैयार किया गया है। पुलिस-प्रशासन की मदद से जिलेभर में एक जून से विशेष बाल श्रम चिन्हांकन अभियान शुरू किया जाएगा। 

21 सदस्यीय 3 टीमों का गठन
इसके तहत गाजियाबाद सदर, लोनी एवं मोदीनगर तहसील क्षेत्र पर 1-1 टीम गठित हुई है। गाजियाबाद सदर एवं लोनी में सहायक श्रमायुक्त आर.पी. तिवारी तथा मोदीनगर में सहायक श्रमायुक्त शिवनारायण को टीम की कमान सौंपी गई है। प्रत्येक टीम में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व चाईल्ड लाइन के सदस्य भी शामिल किए गए हैं। 

होटल-रेस्त्रां, ईंट भट्टों पर नजर
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के मुताबिक पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से यह टीमें होटल, रेस्टोरेंट, ईंट भट्टों तथा बाल श्रम बाहुल्य संबंधी क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाएंगी। इस दौरान बाल श्रमिकों को चिन्हित कर उन्हें नियोजित करने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। 

एक जून से शुरू होगा अभियान
उनके खिलाफ बाल श्रम प्रतिषेध विनियमन-2016 के अंतर्गत कार्रवाई होगी। गाजियाबाद सदर तहसील क्षेत्र में 1 से 10 जून तक, मोदीनगर में 11 से 20 जून तक और लोनी क्षेत्र में 21 से 30 जून तक अभियान चलेगा। उधर, परचून एवं चाय की दुकान, गोदाम, ढाबे, कबाड़ गोदाम आदि स्थानों पर भी इन टीमों का फोकस रहेगा। 

गैर राज्यों के भी बाल श्रमिक
दरअसल खर्चा बचाने के चक्कर में कुछ सेवायोजक अक्सर बाल श्रमिकों की सेवाएं लेते हैं। उन्हें कम मेहनताना देकर अत्यधिक श्रम कराया जाता है। जनपद में गैर राज्यों के बाल श्रमिक भी बड़ी संख्या में होने का अनुमान है। छोटे उद्योग धंधों में भी बाल श्रम होने की आशंका से इंकार नहीं किया गया है।

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