नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया चीन पर वायरस फैलाने का आरोप लगाती आ रही है। इस बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो सीधे आरोप लगाया है कि चीन की लैब से कोरोना पैदा हुआ है और चीन की वजह से ही दुनिया में कोरोना महामारी आज लाखों लोगों की मौत की वजह बनी है।
लेकिन अब इन आरोपों पर चीन के दूतावास ने जवाब देते हुए 6 फैक्ट दुनिया के सामने रखें हैं। इन फैक्ट्स को ‘ट्रुथ यू नीड टू नो’ यानी सच जो आपको जानना चाहिए के अंतर्गत दुनिया के सामने रखें हैं। आईये आपको बताते हैं।
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पहला फैक्ट चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि वुहान से कोरोना वायरस नहीं आया। बल्कि चीन में वुहान शहर से सबसे पहले कोरोना वायरस से जुड़े मामलों की जानकारी दी गई थी, लेकिन दुनिया ने इसे वुहान की पैदाइश करार दिया। किसी भी वायरस का नाम डब्लूएचओ किसी खास नियम के तहत रखता है, लेकिन वहीँ, कोरोना का वुहान के साथ नाम जोड़ना और चीन पर इस बारे में आरोप लगाना गैर-जिम्मेदारान हरकत है।
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दूसरा फैक्ट वैज्ञानिकों द्वारा यह बताया ज चुका है कि सार्स-कोव-2 मूल रूप से स्वाभाविक वायरस हैं, इन्हें मानव निर्मित कहना गलत है। इस बारे में वुहान लैब को दोष देना गलत है क्योंकि लैब की इतनी क्षमता नहीं कि वो कोई वायरस बना सके और उसे फैला सके। इसके अलावा इस लैब से किसी बीमारी को पैदा करने और किसी भी स्टाफ के संक्रमित होने के कोई साक्ष्य नहीं मिलते हैं।
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तीसरा फैक्ट चीन में चमगादड़ नहीं खाया जाता और ये चीनी भोजन में शामिल नहीं है। वुहान के जिस बाजार की चर्चा पूरी दुनिया में हैं वहां भी चमगादड़ को बेचा नहीं जाता। चीन खुद इस तथ्य को खोजने में जुटा है कि चमगादड़ से इंसानों में वायरस कैसे आया और चीन का कथित वन्यजीवों वाला बाजार चीन में नहीं है।
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चौथा फैक्ट कोरोना अज्ञात वायरस है, उसने अचानक हमला किया। इसकी रिसर्च की जा रही है जिसमें काफी समय लगता है। चीन ने इंटरनेशनल कम्युनिटी को कोरोना महामारी के बारे में जिम्मेदारी के साथ जल्द से जल्द और समय पर सूचित किया है।
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पांचवा फैक्ट चीन में सबसे पहले डॉ झांग जिक्सियन ने कोरोना के पहले मरीज की रिपोर्ट की थी। इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। जबकि खबरों में डॉ ली वेनलियांग नाम रहा है। डॉ ली वेनलियांग बेहतरीन डॉक्टर हैं और वो सीपीसी के मेंबर थे। उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया गया था। उन्हें कथित रूप से ‘विरोधी’ बताना मसले का राजनीतिकरण करना है।
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छठा फैक्ट चीन को लेकर कहा गया उसने कोरोना संक्रमण को लेकर डेटा में हेरा-फेरी की, लेकिन यह गलत है। चीन ने हमेसा क्लियर और ट्रांसपेरेंट डेटा दिखाया है। चीन ने नेशनल और स्टेट लेवेल पर 3 हजार से ज्यादा प्रेस कांफ्रेस की। चीन ने कोरोना से लड़ने के लिए कड़े उपाय किए इसलिए चीन में संख्या कम दर्ज की गई। ग्लोबल एक्सपर्ट रिसर्चर ने आंकड़ों में कोई हेरफेर नहीं किया है।
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