नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। चीन (China) दक्षिण एशिया में अपना दायरा बढ़ा रहा है, यहां उसकी भूमिका का क्षेत्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के क्षेत्र में अहम प्रभाव पड़ सकता है। दरअसल यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (US Institute of Peace) नामक थिंकटैंक ने एक रिपोर्ट में इस बात को कहा है, उन्होंने कहा कि चीन इस क्षेत्र में भारत पर निशाना साधने के लिए पाकिस्तान की मदद कर रहा है। ऐसे में हिमालय से हिंद महासागर तक तनाव के चलते आगामी दशकों में चीन के कारण दक्षिण एशिया में संघर्ष और बढ़ सकता है।
अमेरिकी थिंकटैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चीन की भागीदारी से क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना एक सफल नीति बनाने और अमेरिका के हितों एवं मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अहम होगा। थिंकटैंक की रिपोर्ट एक द्विदलीय समूह ने तैयार की है जिसमें वरिष्ठ विशेषज्ञ, पूर्व नीति निर्माता और सेवानिवृत्त राजनयिक आदि शामिल हैं।
एशिया में भारत की ताकत कम करने की कोशिश रिपोर्ट चायनाज इंफ्लुएंस ऑन कॉन्फ्लिक्ट डायनामिक्स इन साउथ एशिया स्टेट्स में कहा गया है कि क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी से दक्षिण एशिया में स्थिति पहले ही बदलनी शुरू हो गई है।
थिंकटैंक ने कहा, भारत-पाक विवाद में चीन ने तटस्थ रुख अपनाने की बजाय अधिकतर पाकिस्तान का ही साथ दिया है, ताकि एशिया में भारत की ताकत कम हो सके। खासकर गत वर्ष, चीन ने कश्मीर मामले में पाकिस्तान के लिए अपना समर्थन दोगुना कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन-भारत सीमावर्ती इलाके आगे भी चर्चा का विषय बने रहेंगे। भारत और चीन के रिश्ते और अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे और एशिया की दो सबसे बड़ी ताकतें, पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए संघर्ष करेंगी। यह पाया गया कि अमेरिका और चीन दोनों ही दक्षिण एशिया को महत्वपूर्ण मानते हैं, हालांकि यह क्षेत्र दोनों की ही शीर्ष भू-राजनीतिक प्राथमिकता नहीं है।
विस्तारवादी नीतियों का विरोध दक्षिण एशिया में चीन की विस्तारवादी नीतियों का विरोध कर रहे अमेरिका व ब्रिटेन आगामी दिनों में दस प्रमुख लोकतांत्रिक देशों का गठबंधन (डी-10) बनाने की योजना बना रहे हैं। इन देशों ने भारत को महत्व देते हुए जी-7 में शामिल करने के बाद डी-10 के जरिये इन देशों की कोशिश लोकतांत्रिक देशों को चीन के विरुद्ध एकजुट करने की तैयारी है क्योंकि चीन में लोकतंत्र नहीं है। बता दें कि अमेरिका-ब्रिटेन दोनों ही देश अपनी विदेश नीति में भारत को सर्वाधिक महत्व दे रहे हैं।
भारत-चीन सीमा समेत हांगकांग, ताइवान और दक्षिण सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चिंता जताते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत के साथ चीनी सैन्य गतिरोध में अमेरिका हर तरह से नई दिल्ली के साथ खड़ा है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बताया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत को सर्वाधिक हथियार आपूर्ति करने वाले देशों में अमेरिका ने दूसरे नंबर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। अधिकारी ने कहा कि हम भारत के साथ हैं और तनावपूर्ण हालात को खत्म करने के लिए प्रयास में समर्थन दे रहे हैं।
यहां पढ़े अन्य बड़ी खबरें...
बिधूड़ी टिप्पणी के बीच BJP नेता हर्षवर्धन की हंसी का वीडियो वायरल, दी...
Asian Games: भारतीय खिलाड़ियों से चीन का भेदभाव, भारत का मुंहतोड़ जवाब
बिधूड़ी प्रकरण को लेकर लालू यादव का PM मोदी पर कटाक्ष- यह ‘अमृतकाल'...
भाजपा नेता बिधूड़ी के खिलाफ अकाश आनंद के साथ मायावती ने भी खोला मोर्चा
दानिश अली ने भाजपा सांसद बिधूड़ी के बयान को लेकर PM मोदी और RSS पर...
डूसू चुनाव: मतदान जारी, वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे छात्र
आगरा से लेकर जयपुर तक, सितंबर के आखिरी वीकेंड पर बनाए इन जगहों पर...
विवाहित महिला ‘लिव-इन पार्टनर' पर बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकती:...
लोक सभा में रमेश बिधूड़ी के अपशब्दों पर भड़का विपक्ष, मोदी सरकार पर...
कौशल विकास घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू की हिरासत बढ़ाई गई