Wednesday, Mar 29, 2023
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china hid the truth of corona virus! know truth behind this prsgnt

चीन ने क्यों छुपाया कोरोना वायरस का सच! जानिए क्या है इसके पीछे की असली वजह...

  • Updated on 4/17/2020

नई दिल्ली/प्रियंका। कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है। पूरी दुनिया में इससे 2,185,938 मामले हैं, जिनमें 146,969 लोगों की मौत हो चुकी है। कई जानकारों का मानना है कि कोरोना चीन की गलती है। अगर चीन इस बारे में दुनिया को पहले ही बता देता तो आज दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत को होने से रोका जा सकता था।

वुहान केंद्र नहीं था
चीन के शोधकर्ताओं के अनुसार, चीन में कोरोना का पहला मामला 1 दिसंबर को सामने आया था, जिसके बाद इस मामले को लेकर चीन ने गंभीरता नहीं दिखाई। चीन इसके बाद यह बात सामने आई कि चीन के वुहान से यह वायरस फैला है जबकि इस बारे में भी चीन के शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा नहीं है। चीन में सबसे पहले जो मामला सामने आया वो वुहान का नहीं था। इस तरह की कोई भी जानकारों आज तक चीन के पास नहीं है।

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कंफ्यूजन में था चीन
हालांकि चीन ने अगर मामला छुपाया भी है तो इसके पीछे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद चीन सरकार लोगों को कोरोना के बारे में बताने और उन्हें पैनिक नहीं होने देने के लिए ही इस असमंजस में पड़ी रही कि वो लोगों को वायरस के बारे में बताये या नहीं। लेकिन चीन ये भूल गया कि उसकी इस असमंजस की स्थिति के कारण आज पूरा विश्व कोरोना का दंश झेल रहा है और विश्व में लाखों लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं।

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6 दिन पड़े भारी
इस बारे में लॉस एंजिलेस में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में माहामारी विशेषज्ञ जू-फेंग झांग का मानना है कि अगर चीन सरकार शुरुआत में ही कोरोना के बार में बता देती तो आज कंडीशन कुछ और होती। चीन ने 6 दिन बाद कोरोना के बारे में बताया जिससे स्थिति बिगड़ गई. अगर सरकार पहले कार्यवाई करती तो शायद मरीजों की संख्या काफी कम होती और स्वास्थ्य सेवाएं भी पर्याप्त होतीं और चीन अपने लोगों को भी मरने से बचा पाता।

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चीन ने कहा- हमने नहीं छुपाया
वहीँ, इस बारे में चीन लगातार यही कहता आ रहा है कि उसने कभी भी इस बारे में नहीं छुपाया। उनकी तरफ से विश्व स्वास्थ्य संगठन को तुरंत जानकारी दे दी गई थी। इस बारे में चीन के विदेश मंत्रालय में मौजूद दस्‍तावेजों की माने तो चीन के नेशनल हेल्‍थ कमीशन (NHC) की तरफ से 14 जनवरी को ही कोरोना के बारे में अपना आंकलन प्रांतीय स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों को बता दिया गया था।

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चीन की योग्यता पर सवाल
इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में महामारी विशेषज्ञ बेंजामिन कावले का कहना है कि अगर चीन बिना आश्‍वस्‍त हुए पहले से ही घोषणा कर देते तो उनकी योग्‍यता पर भी सवाल उठाए जाते, इसलिए 6 दिन की देरी को बहुत देर नहीं माना जाना चाहिए। जबकि कोरोना संक्रमण की घोषणा के 2 महीने बाद तक अमेरिका ने ध्यान तक नहीं दिया था। जबकि अमेरिका के पास तैयारी का पूरा समय था फिर भी अमेरिका अब सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है।

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